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Sonbhadra: अदालत ने चचेरी बहनों को बेचने के मामले में दो महिलाओं को 5-5 साल की सजा सुनाई

सोनभद्र: बभनी थाना क्षेत्र में चचेरी बहनों को अगवा कर मथुरा में बेचने के मामले में अदालत ने दो महिलाओं को दोषी करार देते हुए 5-5 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है। विशेष न्यायाधीश (पॉक्सो एक्ट) अमित वीर सिंह की अदालत ने बुधवार को यह फैसला सुनाया।
यह घटना वर्ष 2016 की है, जब दो चचेरी बहनें लापता हो गई थीं। एक पीड़िता के पिता ने बभनी थाने में एफआईआर दर्ज कराई थी। जांच के दौरान मानव तस्करी और दुष्कर्म का मामला सामने आया।
आरोपियों के खिलाफ मुकदमा
पुलिस ने लीलावती पुत्री रामलाल खरवार (निवासी घघरा, थाना बभनी) और उर्मिला गुप्ता पत्नी स्व. श्याम बिहारी गुप्ता (निवासी चैनपुरा, थाना बभनी) को दोषी पाया। इनके साथ अन्य आरोपियों के खिलाफ धारा 363, 366, 370, 376 आईपीसी और पॉक्सो एक्ट के तहत चार्जशीट दाखिल की गई। हालांकि, अदालत ने पर्याप्त सबूत न मिलने के कारण अन्य आरोपियों को बरी कर दिया।
अभियोजन और बचाव पक्ष की दलीलें
अभियोजन पक्ष का कहना था कि लीलावती और उर्मिला ने चचेरी बहनों का अपहरण कर उन्हें मथुरा ले जाकर बेच दिया, जहां उनका शारीरिक शोषण और बलात्कार किया गया। वहीं, बचाव पक्ष ने दावा किया कि न तो कोई अपहरण हुआ और न ही बलात्कार।
अदालत का फैसला
विशेष न्यायाधीश ने पत्रावली में उपलब्ध साक्ष्यों और गवाहों के बयान के आधार पर दोनों महिलाओं को दोषी करार दिया और धारा 363 और 366 आईपीसी के तहत सजा सुनाई।
धारा 363 (अपहरण) के तहत 3-3 साल कठोर कारावास और 10-10 हजार का अर्थदंड। धारा 366 (महिला को जबरन अन्य स्थान पर ले जाना) के तहत 5-5 साल कठोर कारावास और 10-10 हजार का अर्थदंड।
सभी सजाएं साथ-साथ चलेंगी। अर्थदंड जमा होने पर 40 हजार में से 30 हजार पीड़िता को दिए जाएंगे। इसके अलावा, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण को पीड़िता के पुनर्वास के लिए अतिरिक्त धनराशि तय करने का निर्देश दिया गया।
