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- बेेटे अमन पर भी लगे...
गोरखपुर: अमरमणि त्रिपाठी2007 से लेकर अब तक जेल की चाहरदीवारियों के अंदर ही रहे हैं . कभी उत्तराखंड की जेल तो कभी गोरखपुर की. दोनों का ज्यादातर वक्त गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज में ही बीता ’ अमरमणि को जब लगा कि जेल में बंद होने की वजह से उनकी राजनैतिक पारी अब खत्म होने वाली है तो फिर अपने बेटे अमनमणि त्रिपाठी के लिए नौतनवा सीट से चुनाव में उतारा. अमरमणि के कहने पर 2012 के चुनाव में सपा ने अमनमणि को नौतनवा सीट से उतारा और उन्होंने जीत भी दर्ज की. बेटा अब पिता की सीट पर आ चुका था.
अमनमणि पर पहली पत्नी के कत्ल के आरोप
अमनमणि पर अपनी पहली पत्नी सारा की हत्या के आरोप लगे और उन्हें जेल भी जाना पड़ा. हालांकि इसका उनके राजनैतिक जीवन में कुछ फर्क नहीं दिखा. जेल में रहकर भी अमरमणि का नौतनवा सीट पर रुतबा कायम था. 2017 के विधानसभा चुनाव में उन्होंने अमनमणि को जीत दिलवाने में कामयाबी हासिल की. इस बार वो निर्दलीय चुनाव जीते. हालांकि 2022 के चुनाव में पहली बार नौतनवा सीट अमरमणि के परिवार के कब्जे से बाहर हुई. अमरमणि की बेटी तनुश्री भी राजनीति में दिलचस्पी रखती हैं.