उत्तर प्रदेश

कोई तोड़ रहा मकान, कोई काट रहा धान फर्रुखाबाद में बाढ़ बनी आफत

Admin4
13 Oct 2022 6:07 PM GMT
कोई तोड़ रहा मकान, कोई काट रहा धान फर्रुखाबाद में बाढ़ बनी आफत
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फर्रुखाबाद। गंगा के साथ रामगंगा उफनाने से गांवों में पानी भरने लगा है। कटान की जद में आने से कोई अपने आशियाने तोड़ रहा है, तो कोई खेत में पानी भरने से धान की फसल काटने लगा है। ग्रामीणों के लिए बाढ़ का पानी आफत बन गया है। करीब 25 गांव बाढ़ से प्रभावित हैं। बांधों से गंगा और रामगंगा में लगातार पानी छोड़े जाने से दोनों नदियां उफान पर हैं।

गुरुवार को गंगा में 81336 क्यूसेक पानी नरौरा बांध से छोड़ा गया। जलस्तर पांच सेंटीमीटर बढ़कर चेतावनी बिंदु 136.60 मीटर पर पहुंच गया। इससे तटवर्ती गांव जोगराजपुर, लायकपुर, सुंदरपुर, तीसराम की मडैया, हरसिंहपुर कायस्थ समेत नौ गांव तक पानी पहुंच गया है। गांव जोगराजपुर जाने वाला कच्चा मार्ग कट गया है। इस मार्ग पर दस फीट पानी भरा है। गांव के लोग खेतों से आवागमन कर रहे हैं। खेत में पानी भरने से किसान धान को काटने लगे। ताकि दूसरी जगह सुखाकर नुकसान से बच सके।

रामगंगा में खो, हरेली, रामनगर बैराज से 17803 क्यूसेक पानी छोड़ा गया। जलस्तर 136.15 से बढ़कर 146.40 मीटर पर पहुंच गया। जो चेतावनी बिंदु 136.60 से 20 सेंटीमीटर दूर है। इससे गांव नहरैया, खरगपुर, राई, समेत आठ तक बाढ़ का पानी पहुंच गया है। कमालगंज क्षेत्र के गांव जंजाली नगला में रेशमदेवी, सुदामा समेत अन्य ग्रामीणों के मकान कटान की जद में आने लगे। वह मकानों को खुद तोड़कर मलबा दूसरी जगह पहुंचाने लगे हैं।

ताकि इन्हीं ईंटों से दूसरी जगह मकान बना सके। शमसाबाद के कमथरी, पालानी दक्षिण, चौरा, कटरी तौफीक समेत अन्य गांव बाढ़ का पानी भरने लगा है। चितार गांव के आने-जाने का रास्ता बंद हो गया है। शमसाबाद-शाहजहांपुर मार्ग पर चौरा गांव के पास सड़क पर करीब एक फीट पानी बह रहा है।

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