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दानवीरों की प्रेरणा से समृद्ध होता गया सामाजिक सरोकार, जरूरतमंद लोगों की ट्रस्ट करता है मदद
इलाहाबाद न्यूज़: चित्रगुप्त के वंशजों ने जब मुंशी काली प्रसाद के सपनों को साकार करना शुरू किया तो फिर ठहरे नहीं. यह काम केपी ट्रस्ट के जरिए कायस्थ समाज ने बहुत सार्थक रूप से किया. ट्रस्ट के मनीषी अध्यक्षों ने अपने कार्यकलापों से कायस्थ परिवार को नई ऊंचाई प्रदान की. ट्रस्ट को गौरवशाली रूप प्रदान करने में दानवीरों की महती भूमिका रही. चौधरी महादेव प्रसाद ने तो अपनी पूरी संपत्ति ट्रस्ट को दान कर दी थी. दानवीरों की प्रेरणा से बड़ी संख्या में लोगों ने पूर्वजों की स्मृति में जमीन और धनराशि ट्रस्ट को भेंट की. फलस्वरूप ट्रस्ट ने अपने शैक्षिक विकास के साथ सामाजिक सरोकार को नया आयाम दिया. इसका लाभ समाज के सभी वर्ग को मिल रहा है. ट्रस्ट के प्रवक्ता अनिल कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि ट्रस्ट कायस्थ समाज के विकास के लिए समर्पित है. ट्रस्ट जरूरतमंद लोगों की मदद करता है. लड़कियों की शादी में मदद की जाती है और केपी कम्यूनिटी सभागार को रियायत दर पर उपलब्ध कराया जाता है. मदद का यह सिलसिला अनवरत जारी है.
मेधावी छात्रों को किया जाता है सम्मानित:
केपी ट्रस्ट के उपाध्यक्ष एसडी कौटिल्य ने बताया कि ट्रस्ट की ओर से कायस्थ समाज के मेधावियों को सम्मानित किया जाता है. इसमें प्राथमिक से लेकर उच्च शिक्षा तक के छात्र-छात्राएं शामिल रहते हैं. साथ ही प्रतियोगी परीक्षा में सफल प्रतिभागियों को सम्मानित किया जाता है. आर्थिक रूप से कमजोर विद्यार्थियों की मदद की जाती है.
केपी ट्रस्ट ने सामुदायिक विकास को दी प्राथमिकता:
कायस्थ पाठशाला के अध्यक्ष चौधरी जितेंद्र नाथ सिंह ने बताया कि ट्रस्ट का शैक्षिक, सामाजिक सरोकार काफी व्यापक है. सांस्कृतिक कार्यक्रम के लिए दो सामुदायिक केंद्र की स्थापना की गई. 500 विधवाओं को पेंशन दी जा रही है. शैक्षिक संस्थानों में सभी जाति, धर्म व वर्ग के छात्र अध्ययन कर रहे हैं. समाज के सभी वर्ग की छात्राओं के लिए 81 कमरे का हॉस्टल बनवाया जा रहा. इसका 50 प्रतिशत कार्य पूरा हो चुका है. प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र में दवाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं.
हजारों लोगों को रोजगार दिया जा रहा:
ट्रस्ट के पूर्व वित्त उपाध्यक्ष गोपी कृष्ण श्रीवास्तव ने बताया कि ट्रस्ट कई स्तर पर लोगों को रोजगार उपलब्ध करा रहा है. शैक्षिक, गैर-शैक्षिक के साथ अन्य कार्यों से बड़ी संख्या में लोग जुड़े हैं. बड़ी संख्या में मजदूरों को काम मिल रहा है.