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उत्तर प्रदेश
अवैध असलहे उपलब्ध कराने वाले तस्कर है पुलिस की पकड़ से दूर, बहा रहे है लोगों का खून
Shantanu Roy
12 Nov 2022 11:00 AM GMT

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बड़ी खबर
गोरखपुर। उत्तर प्रदेश में अवैध असलहे के दम पर दबंगों की दबंगई और भी बढ़ रही है। बदमाश अवैध असलहा दिखा कर लूटमार करते है और बहुत से लोगों की जान भी ले लेते है। ऐसे में बहुत से बेगुनाह लोग अपनी जान गवा देते है। वहीं, पुलिस इन अवैध असलहा रखने वालों बदमाशों को तो पकड़ लेती है, लेकिन असलहा उपलब्ध कराने वालों को पुलिस पकड़ नहीं पाती है। बता दें कि राज्य के गोरखपुर में अवैध असलहे के खिलाफ पुलिस ने कदम उठाए है। इसके लिए पुलिस 'ऑपरेशन तमंचा' चला रही है। जिसके चलते जिले में हुई कई हत्याओं में ऐसे ही असलहे के इस्तेमाल की पुष्टि भी हो चुकी है। वहीं, मिली जानकारी के मुताबिक, गोरखपुर जोन के कई जिलों की सीमा बिहार से सटी है। पकड़े जा चुके बदमाशों से पूछताछ में पता चला है कि यहां से बिहार और फिर पश्चिम बंगाल तक असलहों की सप्लाई दी जा रही है। वहीं, बता दें कि गोरखपुर, महराजगंज, देवरिया व कुशीनगर में तीन वर्षों में 2,592 लोग असलहे के साथ पकड़े गए।
इस वजह से किया अभियान चलाने का फैसला
जिले में लंबे समय से बदमाश अवैध असलहे का इस्तेमाल कर रहे है। असलहा दिखा कर वारदातों को अंजाम देते है और बहुत से लोगों की जिंदगी छीन लेते है। वहीं, गोरखपुर रेंज के आंकड़ों की बात करें तो गोरखपुर, महराजगंज, देवरिया व कुशीनगर में तीन वर्षों में 2,592 लोग असलहे के साथ पकड़े गए। इस के बाद पुलिस ने अवैध असलहे के खिलाफ 'ऑपरेशन तमंचा' अभियान चलाने का फैसला किया, ताकि और लोगों की जान न जा सके। लेकिन यह अभियान इतना सफल नहीं हो पाया।
अवैध असलहे के साथ पकड़े जाने वाले बदमाश
गोरखपुर रेंज में बहुत से बदमाश अवैध असलहे के साथ पकड़े गए है। जैसे, 2019 में 743, 2020 में 969, 2021 में 880, 2022 में 1,600 से अधिक बदमाश तमंचे के साथ पकड़े गए थे। वहीं, गोरखपुर रेंज में तीन साल में 2,592, देवीपाटन मंडल में इस साल 1,250 अवैध असलहे भी पकड़े गए है। इन असलहों और बदमाशों को तो पुलिस ने पकड़ लिया, लेकिन असलहा उपलब्ध कराने वाले अभी भी पुलिस की गिरफ्त से दूर है।
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