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उत्तर प्रदेश
1 जुलाई से लगेंगे 4G तकनीक के स्मार्ट प्रीपेड मीटर, यूपी के बिजली उपभोक्ता हो जाएं तैयार जानिए।
Admin4
25 May 2022 5:35 PM GMT

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उत्तर प्रदेश में आगामी एक जुलाई से लगने वाला स्मार्ट प्रीपेड मीटर केवल 4जी आधारित नई तकनीकी का ही होगा। प्रदेश में लगे 12 लाख पुरानी तकनीकी के स्मार्ट मीटर नई तकनीकी 4जी आधारित स्मार्ट प्रीपेड मीटर में कन्वर्ट कराए जाएंगे। इस मामले में यूपी पावर कारपोरेशन और केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय में सहमति बन गई है। उपभोक्ता परिषद द्वारा इस मामले को लगातार उठाया जा रहा है।
पिछले लगभग 1 वर्ष से उत्तर प्रदेश में स्मार्ट मीटर लगने पर रोक लग गई थी। उपभोक्ता परिषद लगातार घटिया स्मार्ट मीटर व 2 जी 3जी पुरानी तकनीक के स्मार्ट मीटर का विरोध करते हुए नई उच्च तकनीकी आधारित 4 जी स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाने की मांग कर रहा था। अब केंद्र सरकार द्वारा इसे स्वीकार कर लिया गया है। पावर कारपोरेशन ने ऊर्जा मंत्रालय भारत सरकार के सामने पुरानी तकनीकी के लगे 12 लाख स्मार्ट मीटर को भी 4जी आधारित नई तकनीकी में कन्वर्ट करने की अपनी शर्त भी दोहराई है यानी कि आने वाले समय में पुरानी तकनीकी आधारित स्मार्ट मीटर 4जी तकनीकी आधारित स्मार्ट प्रीपेड मीटर में कन्वर्ट होंगे या नए लगाए जाएंगे।
परिषद ने की सिक्योरिटी बिल में एडजस्ट करने की मांग
परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने कहा कि अब जब पूरे प्रदेश में उच्च तकनीकी के 4जी स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगना शुरू होंगे तो पावर कारपोरेशन व बिजली कंपनियों के सामने दो बड़ी समस्या आएंगी। पहली समस्या यह कि प्रदेश के 3 करोड़ पोस्टपेड उपभोक्ताओं द्वारा विद्युत संयोजन लेते वक्त जो लगभग 3665 करोड़ की सिक्योरिटी जमा की गई है, जैसे-जैसे उपभोक्ताओं के यहां स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगना शुरू होगा उनकी जमा सिक्योरिटी को भी उनके विद्युत बिल में समायोजित करना होगा। दरअसल प्रीपेड मोड में सिक्योरिटी जमा करने का कोई प्रावधान नहीं है क्योंकि विद्युत उपभोक्ता एडवांस में बिजली का भुगतान करेगा।
दूसरी बड़ी समस्या यह आएगी कि जिन विद्युत उपभोक्ताओं के संयोजन पर बिजली का बकाया है जब उनके संयोजन पर स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाया जाएगा तो उसके लिए एक नया प्रावधान इस व्यवस्था का बनाना होगा कि एक साथ जो बिजली बकाए का भुगतान ना करें उन्हें उनके बकाए के अनुसार अधिकतम 10 किस्तों में भुगतान की व्यवस्था बनवाई जाए। जैसा कुछ अन्य राज्यों में प्रक्रिया प्रस्तावित है। कार्पोरशन प्रबंधन ने भी स्वीकार किया कि इन समस्याओं का हल नई व्यवस्था में कराया जाएगा। उनकी जमा राशि को उनके बिलों में समायोजित कराया जाएग। परिषद अध्यक्ष ने प्रदेश सरकार व पावर कारपोरेशन प्रबंधन से यह भी मांग उठाई कि अब प्रदेश में जो स्मार्ट प्रीपेड मीटर चाहे वह जिस कंपनी के लगाई जाए उसका वीआईएस सर्टिफिकेट पूरी तरीके से हर मुद्दे पर पास होना चाहिए।
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