उत्तर प्रदेश

छोटे कीड़े झाड़ियों से निकलकर फैला रहे स्क्रब टाइफस बीमारी

Admin Delhi 1
13 Sep 2023 6:08 AM GMT
छोटे कीड़े झाड़ियों से निकलकर फैला रहे स्क्रब टाइफस बीमारी
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ओरिएंटिया त्सुत्सुगामुशी बैक्टीरिया से होती है स्क्रब टायफस बीमारी

प्रतापगढ़: मानसून के समय में झाड़ियां बढ़ीं लेकिन शासन के आदेश के बावजूद स्वास्थ्य विभाग के डीपीएम ने झाड़ियों को कटवाने पर ध्यान नहीं दिया. इससे झाड़ियों में पनप रहे छोटे-छोटे कीड़े लोगों को काटकर बैक्टीरिया से संक्रमित कर रहे हैं. को जिले में स्क्रब टाइफस के 4 मरीज मिलने से स्वास्थ्य महकमा अलर्ट हो गया है. सीएमओ ने डीपीएम को झाड़ियां कटवाने का निर्देश दिया है.

स्क्रब टाइफस बीमारी ओरिएंटिया त्सुत्सुगामुशी बैक्टीरिया के कारण होती है. यह बैक्टीरिया चिगर्स व लारवल माइट्स कीड़ों में पाया जाता है. झाड़ियों में पाए जाने वाले ये कीड़े बहुत छोटे होते हैं. बहुत ध्यान से देखने पर दिखते हैं. झाड़ियों से निकलकर जब यह कीड़े मनुष्य के शरीर पर आ जाते हैं तो उसकी त्वचा खाकर जिंदा रहते हैं. इनके काटने से ओरिएंटिया त्सुत्सुगामुशी बैक्टीरिया मनुष्य के शरीर में फैलने लगता है और व्यक्ति स्क्रब टाइफस बीमारी का शिकार हो जाता है.

देहात में 3 और शहर में 1 मरीज मिलास्क्रब टायफस झाड़ियों व लम्बी घास के सम्पर्क में रहने वालों को अधिक होता है. जिले में स्क्रब टायफस से पीड़ित पाए गए चार मरीजों में 1 मरीज कुंडा का, 1 मरीज लालगंज, 1 मरीज संडवा चंद्रिका तथा 1 मरीज जिला मुख्यालय का है.

बीमारी के लक्षण

1-बुखार और ठंड लगना

2-सिरदर्द

3-मांसपेशियों में दर्द

4-त्वचा पर लाल चकत्ते

5-एस्केर अथवा त्वचा पर घाव

कैसे करें बचाव

1-घर के आसपास की झाड़ियां काट दें.

2-पूरा शरीर ढकने वाले कपड़े पहनें.

3-मच्छरदानी का इस्तेमाल करें.

4-गाय, कुत्ते, खरगोश आदि से दूर रहें.

5-नंगे पैर घास पर न चलें.

इलाज में लापरवाही से हो सकती है मौत

बैक्टीरिया युक्त कीड़े/पिस्सू के काटने के बाद शरीर में स्क्रब टाइफस के बैक्टीरिया पनपने लगते हैं. समय पर इलाज न शुरू होने पर यह सेंट्रल नर्वस सिस्टम, कार्डियोवस्कुलर सिस्टम, गुर्दा, सांस व गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल सिस्टम प्रभावित करता है. कई अंग फेल होने से रोगी की मौत तक हो जाती है.

जांच तक का इंतजाम नहीं फिर भी लापरवाही

स्क्रब टायफस से बचाव का कोई टीका नहीं बना है. बेल्हा में इसकी जांच तक नहीं होती. फिर भी स्क्रब टायफस से बचने के लिए आवासीय बस्तियों व कार्यस्थलों से झाड़ियां व लम्बी-लम्बी घासें नहीं हटाई जा रही हैं. जबकि लोगों का मानना है कि जिस बीमारी से बचने के लिए अभी टीका नहीं बना है और जिले में जांच तक नहीं है उससे बचने के लिए एहतियात पर अधिक ध्यान देना चाहिए.

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