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दुबले-पतले युवा और बच्चे भी होते जा रहे फैटी लिवर के शिकार
कानपूर न्यूज़: आजकल बच्चे और युवा फैटी लिवर के शिकार हो रहे हैं. वह देखने में दुबले और स्वस्थ नजर आते हैं पर टेस्ट होने पर बीमारी का खुलासा हो रहा है. फैटी लिवर यानी पेट में सूजन जिसे डॉक्टरों ने लीननाश बीमारी घोषित किया है. इसे लम्बे समय तक नजरअंदाज किया गया तो यह लिवर सिरोसिस का रूप ले लेती है. जांच में दुबले और स्वस्थ 65 युवाओं और बच्चों में फैटी लिवर मिला तो डॉक्टर हैरान रह गए.
यह खुलासा जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के गैस्ट्रोएंट्रोलॉजी विभाग की क्रॉस सेक्शनल स्टडी में किया गया है. शोध में 50 (18-40 वर्ष) के युवा तो 15 (11-16 वर्ष) के पीड़ित बच्चे लिए गए, जिन्हें हाइपरटेंशन, शुगर, एलर्जी, किडनी संबंधी कोई बीमारी नहीं थी पर यदाकदा पेट की समस्याएं होने लगी तो वह विभाग में आए. डॉक्टरों ने एलएफटी, एसजीओटी, एसजीपीटी समेत कई टेस्ट कराए तो फैटी लिवर होने की बात सामने आई. एलएफटी सभी में 100 यूनिट प्रति लीटर पाया गया जबकि यह 55 यूएल से ज्यादा नहीं होना चाहिए.
स्टडी में सामने आया कि सामान्यतय मोटे लोगों में फैटी लिवर होने की समस्या होती है लेकिन अब जो रोगी आ रहे हैं, वे दुबले-पतले हैं पर उनके लिवर में वैसी ही दिक्कत हैं जैसी मोटे लोगों में होती है. आंतों के बैक्टीरिया में भी बदलाव मिला है. 30 फीसद रोगियों का कोलेस्ट्रॉल बढ़ा हुआ पाया गया.
फैटी लिवर से कैसे बचें
रिपार्ट में ये बातें सामने आईं
● एसजीओटी-एसजीपीटी सभी में 100 से 188 आईयू (इंटरनेशनल यूनिट) मिला जबकि यह 40 आईयू से ज्यादा नहीं होना चाहिए.
● सभी में लिवर एंजाइमस बढ़े मिले, खासकर ऐलेनिन ट्रांसएमिनेस बढ़ा मिला.
● इम्युनोग्लोबिन भी बढ़ा मिला
यह वजह रही
● फैटी लिवर के लिए सभी के डाइट्री फैक्टर ने बीमारी को बढ़ाया
● सभी फ्रोजन फूड्स, जंक फूड्स, रेडीमेड खाने और मैदा निर्मित खाद्य पदार्थों के शौकीन निकले
● बेतरतीब लाइफ स्टाइल भी वजह
कल्याणपुर अरुण जौहरी (39) दुबले-पतले और स्वस्थ रहे पर जब टेस्ट हुए तो एसजीपीटी 159 और एसजीओटी 163 निकला. बाकी जांचें सामान्य हैं. शाकाहारी अरुण को लीननाश कैटगरी में रखा गया और उनका चार महीने से इलाज चल रहा है.
महेश्वरी मोहाल के सनी (36) को गैस और अफरन की शिकायत रही. सनी दुबले हैं और पहली बार बीमार हुए. टेस्ट में लिवर एनजाइमस बिगड़े मिले. उन्हें भी डॉक्टरों ने लीननाश बीमारी डायग्नोस किया है.
दुबले और स्वस्थ युवा और बच्चे फैटी लिवर के तेजी से शिकार होने लगे हैं. यह खतरनाक लक्षण है. पैक्ड फूड से परहेज करने का समय आ गया है. सब्जियां और फल वही लें जिसमें पेस्टीसाइड्स का इस्तेमाल न हुआ हो.
-डॉ. विनय कुमार, एचओडी, गैस्ट्रोएंट्रोलाजी विभाग, जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज.
● खानपान में एहतियात बरतें, फाइबर युक्त भोजन लें. रोज 25 ग्राम फाइबर जरूरी है.
● जंक फूड से परहेज करें, वसायुक्त खाद्य पदार्थ न लें.
● नियमित व्यायाम करें, सब्जियां अच्छी तरह धोकर खाएं.