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शिकंजा बैंकों से फर्जी दस्तावेजों पर होम लोन लेने वाले छह दबोचे
गाजियाबाद: एसटीएफ ने कविनगर पुलिस की मदद से एनसीआर में विभिन्न बैंकों से होम लोन लेकर धोखाधड़ी करने वाले गिरोह का खुलासा किया है. इस मामले में गिरोह के छह आरोपियों को गिरफ्तार किया गया. आरोप है कि गिरोह बिल्डरों से साठगांठ कर फर्जी कंपनी बनाकर दस्तावेज तैयार कर विभिन्न बैंकों से होम लोन लेता था. इनके पास से 58 चेकबुक, 31 डेबिट और क्रेडिट कार्ड, आठ पासबुक समेत अन्य दस्तावेज बरामद किए गए.
गौतमबुद्धनगर एसटीएफ के अपर पुलिस अधीक्षक राजकुमार मिश्र ने बताया कि पकड़े गए आरोपियों में इंदिरापुरम का हरि किशन, विष्णु, प्रीति चौबे, ऋषभ चौबे, सूर्या करदोंग और संजीव कुमार शामिल हैं. इस मामले में अजय नाम का आरोपी अभी भी फरार है, जिसकी तलाश की जा रही है. उन्होंने बताया कि हरि किशन और संजीव कुमार ने बीकॉम की है. जबकि ऋषभ चौबे 12वीं पास है. यह तीनों एक साथ पढ़े हैं. पूर्व में तीनों नोएडा के एक कॉल सेंटर में काम कर चुके हैं. विष्णु ने होटल मैनेजमेंट का कोर्स कर रखा है और वह हरि किशन का भाई है. वर्तमान में वह इंश्योरेंस कंपनी में कार्यरत है. कॉल सेंटर में काम करने के दौरान इनकी मुलाकात सूर्या करदोंग से हुई. प्रीति चौबे ऋषभ की मां है. प्रीति चौबे के भाई का दोस्त अजय है और प्रीति ने ही उसकी मुलाकात सभी आरोपियों से कराई थी. अजय ने सभी को फर्जी प्रोफाइल बनाकर धोखाधड़ी का काम सिखाया था.
पूछताछ में आरोपियों ने बताया है कि उन्होंने फर्जी दस्तावेजों पर एक कंपनी बनाई थी. इसमें प्रीति चौबे को डायरेक्टर बनाया गया और 50 से अधिक कर्मचारी दिखाए. सात से आठ माह सभी कर्मचारियों के खातों में वेतन डालकर माह के अंत में वह कंपनी के खाते में डाला जाता है और इसी प्रकार हर माह रोटेशन की जाती है. फिर अजय ने एक बिल्डर से मिलकर उसके गाजियाबाद के प्रोजेक्ट में इस फर्जी कंपनी के कर्मचारियों के द्वारा फर्जी बैंकिंग प्रोफाइल से आईसीआईसीआई बैंक में लोन के लिए आवेदन किए गए और नौ करोड़ का लोन लिया गया. रकम बिल्डर के खाते में ट्रांसफर हुई. बिल्डर ने अपना दस प्रतिशत कमीशन काटकर बाकी रकम आरोपियों को दे दी. जिनके खातों की प्रोफाइल इस्तेमाल की जाती थी, अजय उन्हें दो से तीन प्रतिशत तक का कमीशन देता है.
थाने में दर्ज था मुकदमा
एसटीएफ के अपर पुलिस अधीक्षक ने बताया कि आईसीआईसीआई बैंक से लोन लेने के मामले में बैंक के दीपक मल्होत्रा ने कविनगर थाने में हरीकिशन, लाल बहादुर सिंह, मिथलेश सिंह, पल्लवी यादव, गुरपाल सिंह, बृजराज सिंह के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई थी. आरोपियों ने एक भवन में फर्जीवाड़ा कर लोन कराया था.
कई बैंकों के चेकबुक और फर्जी दस्तावेज मिले
आरोपियों के पास से 58 चेकबुक, 31 डेबिट और क्रेडिट कार्ड, आठ पासबुक समेत अन्य दस्तावेज बरामद हुए. यह सभी सामान थैले में भरा हुआ था. एसटीएफ को इसी थैले से विभिन्न बैंकों के दो होमलोन एग्रीमेंट भी मिले हैं. इनके साथ ही लैपटाप, फर्जी पैन कार्ड भी मेले हैं. इन्हीं फर्जी दस्तावेजों के जरिये आरोपियों ने एनसीआर में फर्जीवाड़ा कर विभिन्न बैंकों के साथ धोखाधड़ी की है.
एक दर्जन कंपनियों से ले चुके हैं लोन
एसटीएफ की जांच में गिरोह अभी तक एक दर्जन से अधिक पब्लिक और प्राइवेट सेक्टर बैंकों से होम लोन लेने की बात सामने आई है. इन विभिन्न बैंकों से गिरोह फर्जी दस्तावेजों के जरिये ही होम लोन लिए हैं. इसके बाद लोन की किस्त भी जमा नहीं करते और पूरी रकम लेकर गायब हो जाते हैं.
पूर्व में जेल जा चुके आरोपी
एसटीएफ ने बताया कि आरोपी विष्णु व हरीकिशन ने पूर्व में भी बैंकों के साथ फर्जीवाड़ा किया था. इस मामले में वर्ष 2021 में नगर कोतवाली क्षेत्र में रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी. पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार कर जेल भेजा था. इसके बाद भी इन्होंने गिरोह बनाकर यह धोखाधड़ी का काम जारी रखा.