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बड़ी खबर
लखनऊ। निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष व कैबिनेट मंत्री मत्स्य विभाग उप्र.डॉ. संजय कुमार निषाद ने हाईकोर्ट द्वारा निषाद समेत 17 पिछड़ी जातियों को समाजवादी पार्टी सरकार द्वारा एससी आरक्षण के नोटिफ़िकेशन को रद्द करने के मामले पर हाईकोर्ट का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि निषाद पार्टी तो शुरू से ही इस नोटिफ़िकेशन के ख़िलाफ़ आवाज़ उठा रही थी। क्योंकि यह नोटिफ़िकेशन पूरी तरह ग़लत और असावैधानिक था।क्योंकि निषाद, केवट, मल्लाह, बिंद, रजगौड समेत 7 जातियाँ सेंसस मेनुनल 1961 अपेंडिक्स एफ़ फ़ोर उत्तर प्रदेश की सूची में 53 नम्बर पर मझवार के नाम से अंकित हैं। उसी सूची में 66 नम्बर पर तूरैहा की पर्यायवाची जातियाँ धिवर, धिमर, कहार, रैकवार, बाथम समेत 08 जातियाँ अंकित हैं। ऐसे में पूर्व की सपा सरकार द्वारा जारी किया गया नोटिफ़िकेशन अवैध और असंवेधनिक था। क्योंकि हमारी लड़ाई ओबीसी से एससी में शामिल करने की नहीं है, बल्कि 17 जातियों को 1992 से पहले मिल रहे संवेधानिक आरक्षण को जारी करने की है। किंतु पूर्व की सरकारों ने मामले को उलझाए रखने के लिए ओबीसी और एससी में 17 जातियों के नाम से उलझाए रखा। श्री निषाद ने बताया कि भारतीय जनता पार्टी की केंद्र और राज्य की सरकार से अब मझवार आरक्षण की पैरवी और तेज़ी से की जाएगी क्यूँकि अभी तक मामला कोर्ट में लम्बित था और न्यायालय के फ़ैसले का इंतज़ार किया जा रहा था और आज फ़ैसला आने के बाद हमें न्यायपालिका से मामले का निपटारा हो गया है। श्री निषाद ने बताया कि वह आज से मझवार आरक्षण को लेकर हस्ताक्षर अभियान की शुरुआत भी कर रहे हैं। जल्द ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह मिलकर भी रखेंगे।
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