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गाजियाबाद न्यूज़: टीबी के एमडीआर मरीजों के इलाज में उपयोग होने वाली बीडाकुलीन टैबलेट जिले में खत्म हो गई है. सरकारी टीबी केंद्रों पर यह दवा मुफ्त मिलती है. इस वजह से एमडीआर मरीजों का इलाज प्रभावित होने की आशंका है. विभागीय अधिकारियों का कहना है कि शासन को डिमांड भेज दी गई है. जल्द ही दवा का स्टॉक मिल जाएगा.
जिले में 10,451 टीबी मरीजों का इलाज चल रहा है, जिसमें से 370 एमडीआर मरीज हैं. एमडीआर मरीजों को छह महीने तक बीडाकुलीन दवा खिलाई जाती है. एमडीआर मरीजों को टीबी केंद्रों से 188 बीडाकुलीन टैबलेट की डिब्बी दी जाती है. दवा की सप्लाई केवल सरकारी स्तर पर है.
एमडीआर में फर्स्ट लाइन ड्रग का टीबी के जीवाणु पर कोई असर नहीं होता है. शुरुआती दौर में नियमित रूप से दवाई नहीं लेने पर मरीज को मल्टी ड्रग रेजिस्टेंस टीबी हो सकती है.
प्रदूषण फैलाने वाली छह फैक्टरियां सील
लोनी में प्रदूषण फैलाने वाली छह से ज्यादा फैक्टरी सील कर दी गई हैं. पुलिस प्रशासन, प्रदूषण एवं नगर पालिका की संयुक्त टीम ने लोनी की आर्यनगगर, कृष्णा विहार और टीला गांव की गड्ढा कॉलोनी में अवैध रूप से चल रही फैक्टरियों पर कार्रवाई की.
तहसीलदार हरीप्रताप ने बताया कि आसपास की रिहायशी कॉलोनियों में रहने वाले लोगों ने इसकी शिकायत की थी, जिसके बाद प्रशासन की टीम ने कार्रवाई की है. बताया गया है कि इन इन फैक्टरियों से निकलने वाले धुएं से लोगों को सांस लेने में दिक्कत हो रही थी.