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उत्तर प्रदेश
SP विधायकों के साथ नहीं बैठना चाहते शिवपाल यादव, अखिलेश यादव से नाराजगी के बाद उठाया ये कदम
Renuka Sahu
25 May 2022 1:38 AM GMT
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फाइल फोटो
उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और उनके चाचा शिवपाल यादव के बीच तनाव अब खुलकर सामने आने लगा है और बताया जा रहा है कि वह अब विधान सभा में सपा विधायकों के साथ नहीं बैठना चाहते हैं.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और उनके चाचा शिवपाल यादव के बीच तनाव अब खुलकर सामने आने लगा है और बताया जा रहा है कि वह अब विधान सभा में सपा विधायकों के साथ नहीं बैठना चाहते हैं. प्रगतिशील समाजवादी पार्टी-लोहिया के अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव ने उत्तर प्रदेश विधान सभा अध्यक्ष से सदन में उनके बैठने के लिए निर्धारित सीट (स्थान) को बदलने का आग्रह किया है. यूपी विधान सभा के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि शिवपाल सिंह यादव ने विधान सभा के प्रमुख सचिव को पत्र लिखकर सीट बदलने का अनुरोध किया है.
सपा विधायकों के साथ नहीं बैठना चाहते शिवपाल यादव
शिवपाल यादव (Shivpal Yadav) अपनी सीट क्यों बदलना चाहते हैं? इस बारे में विस्तार से पूछे जाने पर सूत्रों ने कहा, 'इस बात की सबसे अधिक संभावना है कि वह उनके (समाजवादी पार्टी के विधायकों) के साथ नहीं बैठना चाहते.' बता दें कि शिवपाल यादव (67) वर्तमान में इटावा जिले के जसवंतनगर विधान सभा सीट से समाजवादी पार्टी (SP) के विधायक हैं.
अखिलेश से अनबन के बाद बनाई थी अलग पार्टी
शिवपाल यादव (Shivpal Yadav) ने अपने भतीजे अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) से अनबन के बाद अपनी अलग पार्टी प्रगतिशील समाजवादी पार्टी-लोहिया का गठन किया था, लेकिन 2022 के विधान सभा चुनाव से पहले दोनों में समझौता हो गया था. इसके बाद शिवपाल यादव ने सपा के चुनाव चिह्न 'साइकिल' पर विधान सभा चुनाव लड़ा था.
शिवपाल ने जताई थी अखिलेश के बयान पर आपत्ति
शिवपाल यादव (Shivpal Yadav) ने 21 अप्रैल को समाजवादी पार्टी (SP) के प्रमुख अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) की उस टिप्पणी पर आपत्ति जताई थी, जिसमें उन्होंने कहा था कि बीजेपी से मिलने वाला समाजवादी पार्टी में नहीं रहेगा.' शिवपाल यादव ने अखिलेश की इस टिप्पणी को 'गैर-जिम्मेदाराना' करार देते हुए कहा था, 'अगर अखिलेश ऐसा सोचते हैं तो उन्हें मुझे विधायक दल से जल्द बाहर निकाल देना चाहिए.'
शिवपाल यादव की बीजेपी से नजदीकी
शिवपाल यादव (Shivpal Yadav) ने कुछ महीने पहले बीजेपी के साथ बढ़ती दोस्ती के तब संकेत दिए थे, जब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) से मिलने के बाद उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi), आदित्यनाथ और पूर्व उपमुख्यमंत्री दिनेश शर्मा को ट्विटर पर फॉलो करना शुरू कर दिया था. बाद में वह लखनऊ में मुख्यमंत्री आवास पहुंचे थे, जिससे उनके पाला बदलने की अटकलों को हवा मिली थी.
इस वजह से फिर बढ़ी अखिलेश-शिवपाल के बीच दूरी
शिवपाल यादव (Shivpal Yadav) और अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) के बीच दरार तब बढ़ गई थी, जब उन्होंने अपने चाचा को 26 मार्च को हुई समाजवादी पार्टी (SP) के विधायकों की बैठक में नहीं बुलाया था. अब शिवपाल ने इस सप्ताह की शुरुआत में विपक्षी गठबंधन की बैठक में हिस्सा नहीं लिया था.
शिवपाल पर बोलने से बचते रहे हैं अखिलेश
उत्तर प्रदेश विधान सभा चुनाव के नतीजे घोषित होने के बाद 'चाचा-भतीजा' के बीच बढ़ती दूरी के बीच अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) अपने चाचा शिवपाल पर टिप्पणी करने से बचते आए हैं. हाल ही में जब कन्नौज में मीडियाकर्मियों ने अखिलेश से शिवपाल के बारे में सवाल किया तो उन्होंने पत्रकारों को ऐसे मुद्दों पर समय बर्बाद नहीं करने की सलाह दी थी.
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