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उत्तर प्रदेश के शामली जिले के कैराना में शासन के निर्देश पर कैराना तहसील क्षेत्र में गैर मान्यता प्राप्त मदरसों के भौतिक सत्यापन का कार्य शुरू कर दिया गया हैं एसडीएम ने टीम के साथ मदरसों में पहुंचकर जांच-पड़ताल की 11 बिंदु पर की गई है जाँच, कैराना के उपजिलाधिकारी शिवप्रकाश यादव व जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी अंशुल चौहान मदरसों के भौतिक सत्यापन हेतु नगर के मोहल्ला आलकलां स्थित मदरसा फैजुल उलूम में पहुंचे। जहां उन्होंने शासन के निर्देशों का हवाला देते हुए मदरसे की मान्यता के बारे में जानकारी की तथा बच्चों एवं अध्यापकों की उपस्थिति रजिस्टर की जांच की इस दौरान मदरसे के आय के स्रोत के बारे में जानकारी की गई जमीन का बैनामा भी मांगा गया। मदरसा संचालक कारी मेहरबान ने बताया कि बच्चों से फीस लेकर अध्यापकों का वेतन दिया जाता हैं।
अधिकारियों ने मदरसे में शिक्षा प्राप्त करने वाले बच्चों से अंग्रेजी भाषा में नाम पूछे और देश के प्रधानमंत्री के नाम के बारे में जानकारी की गई बच्चों ने सही जवाब दिए। इसके बाद पानीपत रोड पर स्थित मदरसा इशातुल इस्लाम में भी दोनों अधिकारियों ने भी जांच-पड़ताल की जांच में मदरसे की मान्यता नहीं मिली। मदरसे के संचालक मौलाना बरकतुल्ला अमीनी ने बताया कि वर्तमान में मदरसे में करीब 200 बच्चे पढ़ाई करते हैं। जिनमें कुछ बच्चे बाहर के भी पाए गए एसडीएम ने हिदायत दी कि बाहर के बच्चों को रात्रि में मदरसे में न रखा जाएं। इसके लिए अनुमति लेने के निर्देश दिए अधिकारियों ने मदरसे के बाद स्कूल में जाने वाले बच्चों की जानकारी भी की।
मदरसा संचालक ने बताया कि मदरसा दारूल उलूम की देखरेख में चलता हैं दारूल उलूम की ओर से कोई गाइडलाइन नहीं आई हैं इसलिए आज तक मदरसे की मान्यता नहीं कराई गई। वहीं प्रशासन की जांच के चलते गैर मान्यता प्राप्त मदरसों के संचालकों में हड़कंप मचा हुआ हैं एसडीएम शिवप्रकाश यादव ने बताया कि 11 बिंदुओं पर गैर मान्यता प्राप्त मदरसों की जांच की जा रहीं हैं। जिसमें मदरसे को कौनसी संस्था चला रही हैं। स्थापना कब हुई थी शिक्षक व बच्चो की संख्या कितनी हैं तथा आय का स्रोत क्या हैं आदि शामिल हैं। जांच पूर्ण होने के पश्चात रिपोर्ट शासन को भेजी की जाएंगी।
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