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Shahjahanpur: खेत में खुदाई करते ही मिला बंदूकें-तलवारों का ढेर
शाहजहांपुर: जिले के ढकीया तिवारी गांव में एक खेत में जुताई के दौरान 18वीं सदी के प्राचीन हथियारों का जखीरा मिलने से क्षेत्र में हलचल मच गई है। यह घटना तब सामने आई जब एक किसान हल चला रहा था और हल के लोहे से टकराने की आवाज आई। इसके बाद जब खुदाई की गई, तो तलवार, खंजर, बरछी और पुराने समय की बंदूकें बरामद हुईं। इन हथियारों का जखीरा वर्षों से जमीन के नीचे दफन था। स्थानीय प्रशासन और पुरातत्व विभाग ने इस मामले को संज्ञान में लिया और हथियारों की जांच शुरू कर दी है।
शाहजहांपुर के ढकीया तिवारी गांव में मिले प्राचीन हथियारों की खोज ने क्षेत्र में चर्चा का माहौल बना दिया है। ये हथियार लगभग 200 साल पुराने बताए जा रहे हैं, जिनमें तलवार, खंजर, बरछी और पुराने समय की बंदूकें शामिल हैं। जब किसान बाबू राम अपने खेत में हल चला रहे थे, तो हल के लोहे से टकराने की आवाज आई, और खुदाई के दौरान ये हथियार बाहर आए।
गांव के ओमवीर सिंह के मुताबिक, पहले यह जमीन बाग के रूप में थी और बाद में बाबू राम ने इसे खरीदा। जब जेडीसी से मिट्टी निकाली जा रही थी, तब इन प्राचीन हथियारों का पता चला। इस घटना के बाद पुलिस, राजस्व विभाग और पुरातत्व विभाग के अधिकारी मौके पर पहुंचे और घटनास्थल का निरीक्षण किया।
इतिहासकार विकास खुराना के अनुसार, भारत में 18वीं सदी में बंदूकों का उपयोग शुरू हुआ था, और यह हथियार लगभग 200 साल पुराने हो सकते हैं। तलवारों में चांदी की परत पाई गई है और जंग का असर भी दिखाई दे रहा है, वहीं बंदूक के बैरल पर दीमक का प्रभाव साफ देखा जा सकता है। इन हथियारों की और अधिक जांच के लिए जिलाधिकारी से अनुमति ली जाएगी।
यह खोज इस बात की ओर संकेत करती है कि 18वीं सदी में भारत में युद्ध की प्रकृति और हथियारों की प्रौद्योगिकी में महत्वपूर्ण परिवर्तन हुआ था। इस समय के दौरान भारत में बंदूकें और अन्य हथियारों का प्रयोग बढ़ा था, जो ब्रिटिश शासन के विस्तार और भारतीय राजाओं के बीच संघर्षों से जुड़ा हुआ था।