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घना कोहरा छाने से छाया सन्नाटा, ठंड बढ़ने से सड़कों पर कम लोग आ रहे नजर
कानपुर। कानपूर इस सर्दी में पहली बार घना कोहरा छाया। देर रात से ही कोहरा छाने लगा था और सुबह तक सफेद चादर ने जैसे सब कुछ ढक लिया हो। कोहरा और शीतलहर का असर मौसम पर इस कदर पड़ा कि सोमवार का दिन अब तक का सबसे ठंडा दिन साबित हुआ। पारा गिरगर 21 के करीब पहुंच गया।
हालांकि रात के पारे में मामूली बढ़त हुई, लेकिन सर्दी ने लोगों को खूब कंपाया। मौसम विभाग ने जो पारा दर्ज किया, उसके अनुसार 21.2 डिग्री सेल्सियस अधिकतम और न्यूनतमा पारा 7.6 डिग्री सेल्सियस रहा।
दिसंबर में इस बार सर्दी काफी देरी से शुरू हुई है। आधे ज्यादा दिसंबर पार हो चुका है लेकिन अभी हाड़ कपाऊ ठंड का सामना अभी नहीं करना पड़ा है। पिछले दो सप्ताह में ठंड के बढ़ने जैसी संभावना भी नहीं लग रही थी। लेकिन, अब मौसम विभाग की माने तो अगले दो सप्ताह में ही मौसम का मिजाज पूरी तरह से बदल जाएगा। रविवार की रात से ही कोहरे की चादर बनना शुरू हो गई थी।
सोमवार की सुबह सड़कों पर इतना घना कोहरा छाया कि घर से निकलने वालों को सड़क पर बेहद सूझबूझ के साथ गुजरना पड़ा। वाहनों की गति भी धीमी पड़ गई। अब तक दिन में तापमान 22 डिग्री सेल्सियस तक भी नहीं पहुंचा था, लेकिन सोमवार को यह तापमान 21 के करीब पहुंच गया। इससे दिन में भी काफी ठंड रही। धूप निकली जरूर, लेकिन कोहरे की धुंध में वह भी फीकी रही। लोगों ने धूप में रहकर दिन गुजारने की कोशिश की।
मौसम विज्ञानी डॉ. एसएन सुनील पांडेय ने बताया कि पारा अगले कुछ दिनों में कोहरे का प्रभाव बढ़ेगा। हवा की गति एक से दो किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलेगी। इस वजह से भी कोहरा घना होगा। शीतल लहर कम जरूर होगी, लेकिन गलन बढ़ेगी। दिन में पारा लगातार लुढ़केगा और रात में भी 5 डिग्री सेल्सियस तक पारा पहुंचने की संभावना है।
18 06.8 24.0
17 06.2 23.5
16 07.6 24.4
15 08.0 22.6
14 11.8 25.0
13 13.8 27.2
12 11.8 27.2
ठंड बढ़ रही है। पारा गिर रहा है। जरूरी है कि इस मौसम में सेहत को लेकर विशेष ध्यान रखें। इससे बीमार होने से बच सकते हैं। चिकित्सकों का कहना है कि अचानक पारा गिरने और गलन बढ़ने से कई बार व्यक्ति बदले मौसम के हिसाब से नहीं ढल पाता है। इस वजह से अक्सर उसे बीमारी का खतरा हो जाता है। लिहाजा इसको ध्यान में रखते हुए हर व्यक्ति को अपनी सेहत को लेकर सचेत रहना चाहिए। बच्चों और बुजुर्गों का ख्याल ज्यादा रखना चाहिए।
शारीरिक रूप से इनकी गतिविधि कम होना और प्रतिरोधक क्षमता में कमी होने की वजह से बीमार होने की आशंकाएं ज्यादा रहती हैं। चिकित्सकों ने बताया कि सर्दी की वज हसे ही खांसी और जुकाम के मरीज बढ़ रहे हैं। ठंडा खा लेने से और ठंड से बचाव नहीं करने की वजह से ऐसा होता है। वहीं हैलट सहित अस्पतालों में लगातार इन बीमारियों की ओपीडी बढ़ती जा रही है। एक दिन की ओपीडी एक हजार से ज्यादा तक पहुंच रही है। खांसी, जुकाम, वायरल और सर्दी की शिकायत सामने आई है। चिकित्सक रोगियों को एक्सरसाइज करने की भी सलाह दे रहे हैं। चिकत्सक का कहना है कि हल्का योग करने और टहलने से खून का संचालन बेहतर होता है। चिकित्सक से परामर्श जरूर लें।
चिकित्सकों ने दिल के मरीजों को अपना ख्याल रखने की सलाह दी है। उनको टहलने का परामर्श दिया है। डाक्टर के अनुसार सर्दी के मौसम में खून की नसें सिकुड़ने की वजह से दबाव बढ़ जाता है और ब्लड प्रेशर भी बढ़ने लगता है। बीपी बढ़ते ही हार्ट अटैक के मामले सामने आने लगते हैं। विशेषज्ञों के मुताबिक, सर्दी में लोगों के शरीर में खून के थक्के बनने लगते हैं, जिसकी वजह से हार्ट अटैक आने की संभावना भी बढ़ जाती है। इसलिए जरूरी है कि सेहत का ख्याल रखते हुए जरा भी कोई परेशानी समझ आती है तो फौरन अपने चिकित्सक से सलाह लें।