उत्तर प्रदेश

आईआईटी की जांच में पास हुआ सीवरेज प्लांट, नपा को करेंगे हैंडओवर

Admin Delhi 1
1 July 2023 6:19 AM GMT
आईआईटी की जांच में पास हुआ सीवरेज प्लांट, नपा को करेंगे हैंडओवर
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प्रतापगढ़ न्यूज़: करीब 14 करोड़ रुपये की लागत से सई नदी के किनारे बनाया गया सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट आईआईटी वाराणसी के अफसरों की जांच में पास कर प्रमाण पत्र जारी कर दिया. इससे पहले केंद्र व प्रदेश सरकार की टीमें प्लांट से नदी में छोड़े जाने वाले पानी की जांच कर प्रमाण पत्र दे चुकी हैं. ऐसे में अब इसे नगरपालिका को हैंडओवर करने की तैयारी तेज हो गई है.

शहर के मोहल्लों से निकलने वाला गंदा पानी नालों से होकर सई नदी में गिरता था. इससे नदी का पानी दूषित हो रहा था. सई का पानी स्वच्छ रखने के लिए शासन के निर्देश पर सई पुल के बगल 14 करोड़ रु पये की लागत से सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट की स्थापना कराई गई. पांच महीने पहने बनकर तैयार हुए सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट का ट्रायल प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड रायबरेली के अफसरों की देखरेख में चल रहा था. बीच-बीच में केंद्र व प्रदेश सरकार की टीमें मौके पर आकर फिल्टर किए गए नालों के पानी की गुणवत्ता जांच रहे थे. करीब एक महीने पहले केंद्र व प्रदेश सरकार की टीमों ने फिल्टर कर नदी में छोड़े जा रहे पानी की गुणवत्ता जांचने के बाद प्रमाण पत्र जारी कर दिया था. आईआईटी वाराणसी की टीम के अफसर मौके पर पहुंचे और करीब दो घंटे तक एसटीपी से नदी में छोड़े जा रहे पानी की जांच की. सब कुछ दुरुस्त मिलने पर अफसरों ने पानी को गुणवत्ता पूर्ण होने का प्रमाण पत्र जारी कर दिया. इसके बाद कार्यदाई संस्था की ओर से इसे हैंडओवर करने का पत्र नगरपालिका प्रशासन को लिखा गया है.

सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट पांच महीने पहले से बनकर तैयार है. इसके बाद लगातार ट्रायल किया जा रहा था. केंद्र व प्रदेश सरकार की टीमों के बाद अब आईआईटी वाराणसी की टीम ने भी सब कुछ ओके होने का प्रमाण पत्र दे दिया है. हैंडओवर करने के लिए पालिका को पत्र लिखा है.

-ज्ञानेन्द्र राय, प्रोजेक्ट मैनेजर

हर दिन आएगा 10 लाख रुपये का खर्च

सई नदी किनारे बनाया गया सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट संचालित करने पर प्रति दिन करीब 10 लाख रुपये का खर्च आएगा. संचालन के लिए तीन शिफ्ट में करीब 42 कर्मचारियों की आवश्यकता होगी. जबकि सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट से शहर के सिर्फ तीन नाले ही जोड़े जा सके हैं. शेष नालों का गंदा पानी अभी भी सई नदी में सीधे गिर रहा है.

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