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कारोबारियों को लूटने वाले गिरोह के सात गुर्गे गिरफ्तार
लखनऊ न्यूज़: बीकेटी में लकड़ी व्यापारी और नाका में व्यापारी के कलेक्शन एजेंट से लूट की वारदात एक ही गिरोह ने अंजाम दी थी. पुलिस की संयुक्त टीम ने सात बदमाशों को गिरफ्तार कर लिया. उनसे पूछताछ में दोनों वारदात के तार आपस में जुड़ते चले गए. गिरोह के सदस्य हवाला कारोबार से जुड़े हैं. बदमाशों के पास से लूट के 23 लाख 55 हजार रुपये, लाइसेंसी पिस्टल, दो फर्जी आईडी कार्ड और स्कूटी बरामद हुई.
जेसीपी क्राइम आकाश कुलहरी ने बताया कि शाम नाका में भवानी सिंह से करीब 515 पर 15 लाख रुपये की लूट हुई थी. इसी बीच बीकेटी में शाम करीब 730 पर लकड़ी व्यापारी भूपेंद्र सिंह से लूट का मैसेज पुलिस कंट्रोल रूम को मिला.
नाका में वारदात से जुड़ी फुटेज पुलिस को हासिल हुई तो बीकेटी पुलिस की टीम ने भी फुटेज खंगाले. दोनों का मिलान कराने पर बदमाशों की कार व स्कूटी को ट्रैक करते हुए लखीमपुर खीरी निवासी ऋषि कनौजिया, उसके भाई सौरभ कनौजिया, कैसरबाग निवासी आजम अहदम, रायबरेली में बछरावां निवासी मो. जावेद, अमीनाबाद निवासी मो. दानिश, बीकेटी निवासी आकाश गौतम और राजस्थान के बीकानेर निवासी राकेश कुमार पारी को दबोचा गया. दानिश के पास से लाइसेंसी पिस्टल मिली. लूट की घटनाओं के खुलासे पर डीजीपी ने लखनऊ पुलिस टीम के लिए 25 हजार रुपये के पुरस्कार की घोषणा की है.
जेसीपी के मुताबिक दोनों ही पीड़ितों को ओवरटेक कर रोकने के बाद बदमाशों ने पुलिस का फर्जी आईडी कार्ड दिखा रुपये हवाला के होने का दावा किया था. भवानी को स्कूटी और बाइक सवार चार बदमाशों ने ऐशबाग पुल के पास रोककर हवाला के रुपये होने का दबाव बनाते हुए 15 लाख छीने थे. डीसीपी मध्य अपर्णा रजत कौशिक ने बताया कि भवानी को कलेक्शन को कानपुर के मोबाइल व्यापारी ने कहा था. व्यापारी ने हिसाब देने की बात कही है. इसके बाद ही स्थिति साफ होगी कि रुपये हवाला के हैं या नहीं.
इन सवालों पर टिकी जांच:
1. हवाला कारोबार से जुड़े गिरोह में और कौन-कौन शामिल हैं?
2. व्यापारियों का रुपये का हिसाब देने का दावा कितना सही?
3. लकड़ी व्यापारी ने लूटे गए रुपये की सही जानकारी आखिर क्यों नहीं दी?
4. पुलिस के फर्जी आईडी कार्ड कहां से तैयार कराए गए?
बहन के घर रुके
लखीमपुर के ऋषि और सौरभ की बहन छठामील के पास रहती है. 18 जून को दोनों उसके घर पर आकर रुके. फोन से दोस्त आजम से सम्पर्क किया, जिसने बीकानेर निवासी राकेश कुमार पारी से मिलवाया. डीसीपी उत्तरी सै. कासिम आब्दी ने बताया कि राकेश ही पूरी घटना का मास्टरमाइंड है.
व्यापारी को रुपये दिए, फिर लुटेरे पीछे लगा दिए
बीकानेर निवासी राकेश उर्फ मुन्ना काफी वक्त से हवाला का काम कर रहा है. पूछताछ में उसने बताया कि लकड़ी व्यापारी भूपेंद्र सिंह को यहियागंज में उसने ही रुपये दिए थे. फिर साथियों को फोन कर मुखबिरी करते हुए बीकेटी भोलापुरवा के पास ओवरटेक कर कार रुकवा ली. योजना के मुताबिक उनको कार में बैठा कर पारा ले जाया गया. उनकी कार बीकेटी में ही छोड़ दी गई. करीब आठ लाख 55 हजार रुपये लूटने के बाद उन्हें पारा में कार से उतार दिया. इस वारदात में आजम, ऋषि कनौजिया, सौरभ, आकाश और जावेद शामिल थे. बरामद रुपये के बारे में आयकर विभाग व केंद्रीय एजेंसियों को सूचना दी गई है.