उत्तर प्रदेश

सत्र न्यायालय ने रेप आरोपी को किया बरी, हाईकोर्ट ने सुनाई 10 वर्ष की सजा

Shantanu Roy
2 Sep 2022 6:35 PM GMT
सत्र न्यायालय ने रेप आरोपी को किया बरी, हाईकोर्ट ने सुनाई 10 वर्ष की सजा
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प्रयागराज। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने फर्रुखाबाद के कन्नौज थाने में 34 वर्ष पूर्व रेप के आरोप में दर्ज प्राथमिकी में निचली अदालत के फैसले को पलटते हुए आरोपी धर्मू उर्फ धर्मा सिंह को दोषी पाया है। कोर्ट ने आरोपी को 10 वर्ष का कारावास और 25 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है। हाईकोर्ट ने कहा है कि जुर्माने की रकम में 20 हजार रुपये पीड़िता को दिया जाएगा। कोर्ट ने आरोपी की जमानत को भी खारिज कर दिया। कहा कि आरोपी एक सप्ताह में मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के समक्ष आत्म समर्पण करे। कोर्ट ने मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट से कहा है कि वह आदेश का पालन कराएं।
यह आदेश न्यायमूर्ति सुनीत कुमार और न्यायमूर्ति विक्रम डी. चौहान की खंडपीठ ने उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से दाखिल याचिका को स्वीकार करते हुए दिया है। मामले में आरोपी धर्मू उर्फ धर्मा सिंह पर आरोप है कि उसने 10 वर्ष की मासूम बच्ची के साथ रेप किया। बच्ची अपने घर से बाहर गई थी। मौके का फायदा उठाकर आरोपी ने उसके साथ दुष्कर्म किया। मामले में कन्नौज थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई थी। सत्र न्यायालय ने सुनवाई करते हुए आरोपी को बरी कर दिया था। उत्तर प्रदेश सरकार ने निचली अदालत के फैसले के खिलाफ इलाहाबाद हाईकोर्ट में अपील दाखिल की थी। कोर्ट ने मेडिकल रिपोर्ट, तथ्यों और परिस्थितियों को देखते हुए सत्र न्यायालय के फैसले को एक एकतरफा माना और उसे पलटते हुए आरोपी को 10 साल का कारावास और 25 हजार रुपये की सजा सुनाई।
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