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![हीट वेव के मरीजों के लिए बनेगा अलग वार्ड हीट वेव के मरीजों के लिए बनेगा अलग वार्ड](https://jantaserishta.com/h-upload/2023/06/21/3056192-heatwave1-sixteennine.avif)
बस्ती न्यूज़: प्रदेश में हीट वेव के बढ़ते मामलों को लेकर जिला प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग अलर्ट पर है. डीएम का निर्देश मिलने के बाद स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने अस्पतालों की दौड़ लगाई. जिलास्तरीय अस्पताल से लेकर सीएचसी/ पीएचसी का निरीक्षण कर वहां हीट वेव से बचाव की व्यवस्था देखी. अस्पतालों में ठंडे पानी, ओआरएस की व्यवस्था कराए जाने के साथ ही हीट वेव के मरीजों के लिए अलग वार्ड बनाए जाने का निर्देश दिया.
सीएमओ डॉ. आरपी मिश्र ने जिला अस्पताल, ओपेक अस्पताल कैली और सीएचसी का भ्रमण किया. जिंक व ओआरएस कॉर्नर संचालित करने का निर्देश दिया. सीएमओ ने सबसे पहले जिला अस्पताल की इमरजेंसी का निरीक्षण किया. गर्मी से बचाव के लिए वहां बड़ा कूलर लगाया गया है. मेडिकल वार्ड में तीन कूलर लगाए गए हैं. हीट वेव का कोई मरीज भर्ती नहीं है. बर्न वार्ड में दो एसी लगे हैं. रैन बसेरा में बड़ा कूलर लगा है और वहां तीमारदार रह रहे हैं. ओपेक हॉस्पिटल कैली में भी व्यवस्था ठीक मिली. सीएमओ ने अस्पतालों में पर्याप्त संख्या में पंखा कूलर लगवाने तथा हीट वेव से बचाव की व्यवस्था कराए जाने का निर्देश दिया. इसके बाद सीएमओ ने सीएचसी रुधौली की व्यवस्था देखी. इमरजेंसी में डॉ. संजय मरीजों को देख रहे थे. डिप्टी सीएमओ डॉ. एसबी सिंह ने सीएचसी परशुरामपुर व विक्रमजोत का निरीक्षण किया. परशुरामपुर में वार्ड में कूलर लगा मिला. हीट वेव के मरीजों के लिए अलग से एक वार्ड बनया गया है. विक्रमजोत में कूलर लगवाया जा रहा था. जिंक, ओआरएस कॉर्नर संचालित है. डिप्टी सीएमओ एएन त्रिगुण ने सीएचसी साऊंघाट व मुंडेरवा का निरीक्षण किया. वहां पर ठंडे पानी, ओआरएस आदि की व्यवस्था थी. उन्होंने अस्पताल स्टॉफ को निर्देशित किया कि हीट वेव के मरीजों के मामले में लापरवाही न की जाए. ठंडे पानी व ओआरएस की पर्याप्त व्यवस्था निरंतर बनाए रखें.
झोलाछाप के चक्कर में जा सकती है जान
डॉयरिया, लू और हाईग्रेड फीवर के मरीजों के लिए जरा भी लापरवाही जानलेवा साबित हो सकती है. डॉ. अंकित चतुर्वेदी ने बताया कि दुकान से या झोलाछाप से दवा लेकर खाना घातक हो सकता है. उल्टी-दस्त या हाईग्रेड फीवर के मामलों में समय से प्रबंधन बहुत जरूरी है. उन्होंने बताया कि इमरजेंसी में चार लोग मृत अवस्था में इमरजेंसी में लाए गए थे. पूछने पर परिवार वालों ने बताया कि एक सप्ताह से तेज बुखार था, दुकान से खरीद कर या झोलाछाप से लेकर दवा दे रहे थे.
गर्मी से बचाव का करें प्रबंध
● बहुत इमरजेंसी हो तभी बाहर निकलें.
● सुबह 1100 बजे से शाम पांच बजे तक बाहर निकलने से बचें.
● इमरजेंसी में पूरे शरीर को ढककर निकलें, गमछा, टोपी लगाए रहें.
● छाता का प्रयोग करें, पूरे शरीर को ढक कर रखें.
● तरल पदार्थों का सेवन अधिक मात्रा में करें.
● बाहर की चीज न खाएं, फल को पानी में दो घंटे रखने के बाद सेवन करें.
● उड़ रही धूल से बचाव करें.
● सादा भोजन करें, ज्यादा मिर्च मसाला, तेल, चिकनाई वाली चीज का इस्तेमाल न करें.
● घर पर बना शुद्ध ताजा भोजन करें, इससे मरीज होने से बचा जा सकता है.