उत्तर प्रदेश

वरिष्ठ प्रचारक पद्मश्री बाबा योगेंद्र ने डॉ. राम मनोहर लोहिया चिकित्सालय में ली अंतिम सांस

Ritisha Jaiswal
10 Jun 2022 4:12 PM GMT
वरिष्ठ प्रचारक पद्मश्री बाबा योगेंद्र ने डॉ. राम मनोहर लोहिया चिकित्सालय में  ली अंतिम सांस
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संस्कार भारती के संरक्षक व राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वरिष्ठ प्रचारक पद्मश्री बाबा योगेंद्र ने शुक्रवार को डॉ. राम मनोहर लोहिया चिकित्सालय में अंतिम सांस ली। वह 99 वर्ष के थे।

संस्कार भारती के संरक्षक व राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वरिष्ठ प्रचारक पद्मश्री बाबा योगेंद्र ने शुक्रवार को डॉ. राम मनोहर लोहिया चिकित्सालय में अंतिम सांस ली। वह 99 वर्ष के थे। उनके निधन की सूचना से कला व साहित्य जगत में शोक की लहर दौड़ गई। उनके निधन पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह समेत कला व साहित्य जगत की हस्तियों ने शोक व्यक्त किया है। वहीं, कला व साहित्यिक संस्थानों में उनके निधन पर श्रद्धांजलि भी दी गई। विशेष रूप से नवोदित कलाकारों ने श्रद्धांजलि दी। वह नये कलाकारों को प्रेरित व प्रोत्साहित करते रहते थे। उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, ब्रजेश पाठक, वित्त मंत्री सुरेश खन्ना और सहकारिता मंत्री जेपीएस राठौर सहित सरकार के अन्य मंत्रियों ने भी शोक व्यक्त किया है।

2018 में कला क्षेत्र की सेवा के लिए मिला पद्म पुरस्कार
बाबा योगेंद्र कला व साहित्य के क्षेत्र में काम करने वाली अखिल भारतीय संस्था संस्कार भारती के संस्थापक थे। कला क्षेत्र में इनके योगदान के लिए वर्ष 2018 में भारत सरकार ने पद्मश्री से अलंकृत किया। इसके अतिरिक्त उन्हें भाऊराव देवरस सेवा सम्मान व अहिल्या बाई होल्कर राष्ट्रीय पुरस्कार समेत कई सम्मानों से नवाजा गया।
1942 में लखनऊ में लिया था प्रशिक्षण
बाबा योंगेंद्र का जन्म 7 जनवरी 1924 को बस्ती जिले के गांधीनगर मोहल्ले में हुआ था। वह बचपन में गांव की राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की शाखा में जाने लगे। इसके बाद गोरखपुर में पढ़ाई के दौरान संघ प्रचारक नानाजी देशमुख के संपर्क में आये। संघ का प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद वह प्रचारक बनकर निकले। बाबा योगेंद्र गोरखपुर, प्रयाग, बरेली, बदायूं व सीतापुर में बतौर प्रचारक रहे। उन्होंने 1942 में लखनऊ में प्रथम वर्ष संघ शिक्षा वर्ग का प्रशिक्षण लिया था। 1981 में जब संस्कार भारती बना तो बाबा योगेंद्र को उसके अखिल भारतीय संगठन मंत्री का दायित्व मिला। उन्होंने विश्व को भीमबेटका व सरस्वती नदी के मार्ग की जानकारी देने वाले पद्मश्री डॉ विष्णु श्रीधर वाकणकर के साथ मिलकर कला साधकों के मन में राष्ट्रीय भावना के जागरण का लंबे समय तक कार्य किया। उनके मार्गदर्शन में ही आज संस्कार भारती कला क्षेत्र में देश की अग्रणी संस्था है।
बीएनए में दी गई श्रद्धांजलि
भारतेंदु नाट्य अकादमी परिवार के सदस्यों ने बाबा योगेंद्र को अश्रुपूर्ण श्रद्धांजलि दी। अकादमी के निदेशक प्रोफेसर दिनेश खन्ना ने कहा कि उनके काम हमेशा याद किये जायेंगे। वे बेहद सरल व सहज थे। वह इस उम्र में भी देश का भ्रमण कर नवोदित कलाकारों को संगठित व प्रोत्सहित करते रहते थे। इस दौरान अकादमी अध्यक्ष रवि शंकर खरे ने बताया कि बाबा योगेंद्र के विराट व्यक्तित्व से जल्द लोग प्रभावित व प्रेरित हो जाते थे। उन्हें देश हमेशा याद रखेगा।


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