उत्तर प्रदेश

तस्वीरों में देखें हालात, दर्जनों गांव पर मंडराने लगा बाढ़ का खतरा

Admin4
17 Aug 2022 2:10 PM GMT
तस्वीरों में देखें हालात, दर्जनों गांव पर मंडराने लगा बाढ़ का खतरा
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इटावा : इटावा जनपद में यमुना नदी का जलस्तर लगातार बढ़ता जा रहा है। जिस कारण अब यमुना नदी के किनारे बसे हुए गांव और वहां खेती करने वाले किसानों के ऊपर बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है। कई जगह तो किसानों की फसलें भी अब डूब चुकी हैं और उनके खेत में यमुना नदी का पानी पहुंच चुका है। हथिनी कुंड से पानी छोड़े जाने के बाद यमुना नदी में लगातार जल स्तर बढ़ रहा है। जिसके कारण नदी के आसपास लगने वाले करीब 1 दर्जन से ज्यादा गांव के लोगों के माथे पर चिंता की लकीरें उभर आयी हैं।

यमुना नदी में लगातार बढ़ते जल स्तर पर क्या बोले किसान

यमुना नदी में लगातार पानी भरने के कारण नदी के किनारे करने खेती करने वाले किसानों की फसलें डूब चुकी हैं। गांव धमना कछार के किसान शिवनाथ ने बताया कि उन्होंने अपने खेत में बाजरे की फसल उगाई थी, लेकिन यमुना का जलस्तर बढ़ने के कारण उनकी 10 बीघा फसल नदी में डूब गई। शिवनाथ ने बताया कि उनके जैसे कई किसानों की फसल यमुना के लगातार बढ़ते जलस्तर के कारण डूब चुकी है। पूरे क्षेत्र का अनुमान लगाया जाए तो करीब 200 बीघा के करीब नदी किनारे की फसल जलमग्न हो चुकी है। बीते 2 दिनों में लगातार 8 फीट से अधिक पानी भर चुका है। ग्रामीणों का कहना है कि इसी तरीके से अगर पानी बढ़ता रहा तो थोड़ी सी ऊंचाई पर बसे हुए खेत व हमारी बस्तियों में पानी पहुंचने में अब देर नहीं लगेगी।

यमुना नदी में लगातार पानी भरने के कारण नदी के किनारे करने खेती करने वाले किसानों की फसलें डूब चुकी हैं। गांव धमना कछार के किसान शिवनाथ ने बताया कि उन्होंने अपने खेत में बाजरे की फसल उगाई थी, लेकिन यमुना का जलस्तर बढ़ने के कारण उनकी 10 बीघा फसल नदी में डूब गई। किसान होम सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि यमुना नदी के लगातार पानी बढ़ने के कारण मेरी बाजरे की फसल डूब गई। अब पानी का खतरा गांव की ओर बढ़ता हुआ नजर आ रहा है। होम सिंह ने आगे कहा कि अगर पानी इसी स्पीड से बढ़ता रहा तो 2 दिन के भीतर यमुना नदी का पानी गांव के अंदर होगा।.

इटावा में बाढ़ का कारण बनता है पांच नदियों का महासंगम

इटावा के चकरनगर तहसील क्षेत्र के प्राचीन ऐतिहासिक महाकालेश्वर मंदिर के समीप यमुना, चंबल, क्वारी, सिंध व पहुज पांच नदियों का सुंदर संगम है। इस संगम को पचनदा के नाम से भी जाना जाता है। लगातार बारिश व नदियों में छोड़े जा रहे पानी के कारण इन पांच नदियों के संगम के स्थान पर समुद्र जैसा अथाह पानी का रूप देखने को मिलता है।

जब यहां पानी की मात्रा अधिक बढ़ जाती है तो यह पानी वापस यमुना नदी की तरफ जाने लगता है, क्योंकि यमुना इन नदियों से थोड़ा नीचे पर पढ़ती है। जब इन नदियों का पानी बढ़ता है तो सारा पानी यमुना नदी की ओर बढ़ता चला आता है। जिस कारण यमुना नदी के किनारे बसे हुए गांव और खेती करने वाले किसानों के ऊपर इन दिनों बाढ़ का खतरा मंडराने लगता है। वहीं अगर चंबल नदी पर बने कोटा बैराज से पानी छोड़ा गया तो भी इसी प्रक्रिया के तहत पचनदा से बढ़ा हुआ पानी वापस यमुना नदी की ओर जाने लगता है।

बढ़ते हुए जल स्तर पर क्या बोले अधिकारी

इटावा एडीएम जयप्रकाश ने बढ़ते हुए यमुना चंबल नदी के जल स्तर पर कहा कि इन नदियों के किनारे बसे हुए गांव में बाढ़ राहत की टीमें लगा दी गई हैं। अगर बाढ़ की स्थिति बनती है तो उससे लड़ने के लिए प्रशासन पूरी तरह तैयार है। एडीएम जयप्रकाश ने बताया कि लगातार बारिश के चलते और यमुना नदी में हथनी कुंड और कोटा में बने बांध से पानी छोड़ने के कारण लगातार जलस्तर बढ़ रहा है। चंबल नदी में पानी 2 दिन से लगातार घट रहा है, लेकिन वहीं यमुना में पानी बढ़ रहा है। एडीएम ने कहाकि अगर बाढ़ की स्थिति बनती है तो सारी टीमें अलर्ट हैं और सभी जगह चिकित्सा और राहत कार्य के लिए टीमों का गठन किया गया है।

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