- Home
- /
- राज्य
- /
- उत्तर प्रदेश
- /
- उन्नाव में सचिव...
उत्तर प्रदेश
उन्नाव में सचिव निलंबित, DPRO की जांच में लाखों का घोटाला उजागर
Rani Sahu
20 Sep 2022 2:41 PM GMT
x
उन्नाव। नवाबगंज ब्लॉक की ग्राम पंचायत जंसार में सचिव व प्रधान की मिली भगत से नियमों को ताक पर रख लाखों के मजदूरों का भुगतान प्रधान ने अपने चहेतों के नाम करवाने का मामला डीपीआरओ की जांच में सामने आया है। जिसमें डीएम ने सचिव की संलिप्ता पाए जाने पर उसे निलंबित कर दिया है। 11 जुलाई को जंसार के मजरे छेदनीखेड़ा निवासी राहुल कुमार ने डीएम को शिकायतीपत्र दिया था। जिसमें ग्राम पंचायत में ग्राम निधि के खाते से कराए गए कार्यों में मजदूरों का भुगतान प्रधान द्वारा अपने खाते में कराए जाने की शिकायत की गई थी।
तत्कालीन डीएम रवींद्र कुमार ने मामले की जांच डीपीआरओ को सौंपी थी। डीपीआरओ निरीश कुमार साहू ने गांव जाकर जांच पड़ताल की। पंचायत भवन में अभिलेखीय जांच की। इस दौरान पता चला कि 2021-22 व 2022-23 में कुल 21 कार्य कराए गए। जिनमें 617011 रुपये का भुगतान किया गया।
जांच में डीपीआरओ ने पाया कि ग्राम निधि प्रथम से कराए गए कार्यों में श्रमिक की मजदूरी का खुद प्रधान पवन शर्मा ने तीन कार्यों का 52682 का भुगतान अपने खाते में कराया। देवेश को 49740 और अपने रिश्तेदार शशिकांत शर्मा के खाते में 514589 रुपये का अनियमित तरीके से भुगतान किया गया।
डीपीआरओ ने बताया कि पंचायतीराज व्यवस्था में नियमानुसार श्रमिक या वेंडर के ही खाते में भुगतान किया जाना चाहिए लेकिन जंसार में नियम ताक पर रखकर काम किया गया। उन्होंने जांच आख्या डीएम को भेजी। डीएम के निर्देश पर जिला विकास अधिकारी संजय कुमार पांडेय ने पंचायत सचिव दिलीप कुमार मिश्रा को निलंबित कर दिया।
डीपीआरओ निरीश चंद्र साहू ने बताया कि प्रधान ने खुद और अपने रिश्तेदार के खाते में श्रमिकों की मजदूरी ट्रांसफर कराई है। इसमें प्रधान के साथ सचिव भी दोषी पाए गए हैं। जिस पर सचिव दिलीप कुमार मिश्रा को निलंबित कर दिया गया है। प्रधान पर पंचायतीराज व्यवस्था के तहत अलग से नोटिस व अन्य कार्रवाई की जा रही है।
पहले भी घोटाले में आरोपी रह चुके हैं सचिव
सूत्रों की मानें तो पूर्व में नवाबगंज में पिछड़ा क्षेत्र अनुदान निधि (बीआरजीएफ) में भी लाखों का घोटाला हुआ था। जिसमें दिलीप कुमार मिश्रा भी आरोपी थे। दिलीप के खिलाफ मुकदमा भी दर्ज हुआ था। जिसके बाद दिलीप का ट्रांसफर दूसरे ब्लॉक में कर दिया गया था। हालांकि किसी प्रकार जोड़ जुगत लगाकर दिलीप ने फिर ने नवाबगंज विकासखंड में ट्रांसफर करा लिया। इसका परिणाम भी सामने आया और जंसार में अनियमित रूप से लाखों के भुगतान में फिर दोषी पाए गए।
Next Story