उत्तर प्रदेश

बुजुर्गों को मृत दर्शाकर पेंशन बंद कराने में सचिव निलंबित

Kajal Dubey
27 July 2022 5:03 PM GMT
बुजुर्गों को मृत दर्शाकर पेंशन बंद कराने में सचिव निलंबित
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महोबा जिले में कागजों में मृत दर्शाकर छह बुजुर्गों की पेंशन बंद किए जाने के मामले में डीएम के निर्देश पर दो सदस्यीय टीम गठित की गई। बुधवार को टीम ने ब्लॉक कबरई के पचपहरा गांव पहुंचकर पीड़ितों के बयान दर्ज किए। दोपहर बाद अफसरों ने जांच रिपोर्ट डीएम को सौंपी। लापरवाही उजागर होने पर पूर्व में तैनात रहे सचिव को डीएम ने तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। साथ ही पीड़ित बुजुर्गों की पेंशन बहाल कराई गई।
बता दें कि पचपहरा निवासी वृद्ध सरमन, नंदकिशोर, राकेश, कलिया, गिरजारानी और सुरजी मंगलवार को गले में साहब मैं जिंदा हूं की तख्ती लटकाकर डीएम मनोज कुमार की चौखट पहुंचे थे। उन्होंने स्वयं के जिंदा होने का प्रमाण देते हुए शिकायत दर्ज कराई थी। साथ ही, आरोप लगाया था कि पूर्व में तैनात रहे सचिव विक्रमादित्य ने पेंशन सत्यापन के नाम पर सुविधा शुल्क की मांग की थी। न देने पर उन्हें कागजों में मृत दर्शा दिया गया, जिससे उनकी पेंशन डेढ़ साल से बंद है। इस मामले में डीएम ने सीडीओ को जांच समिति गठित करने के निर्देश दिए थे।
सदर एसडीएम जितेंद्र कुमार और जिला समाज कल्याण अधिकारी सविता देवी ने गांव पहुंच जांच की। जांच के दौरान जीवित लोगों को मृत दर्शाकर पेंशन सूची से नाम काटे जाने की पुष्टि हुई। जांच में सचिव द्वारा सुविधा शुल्क मांगे जाने का आरोप गलत मिला। सूची से नाम हटाए जाने के मामले में सचिव की लापरवाही सामने आई। समिति ने जांच रिपोर्ट डीएम को सौंपी, जिस पर पचपहरा के पूर्व सचिव व वर्तमान में खन्ना क्षेत्र में तैनात सचिव विक्रमादित्य को डीएम ने निलंबित कर दिया है। साथ ही बुजुर्गों की पेंशन चालू करने के आदेश दिए हैं।
सूची से काटे गए नामों की फिर होगी जांच
समाज कल्याण विभाग द्वारा जून माह में हुए सत्यापन के बाद जिले के 1,131 मृत लोगों के नाम सूची से काटे गए थे। पचपहरा गांव में जिंदा बुजुर्गों को मृत दर्शाकर पेंशन बंद किए जाने का मामला उजागर होने पर समाज कल्याण अधिकारी सविता देवी ने मृतकों के नाम काटने की सूची की दोबारा जांच कराने के आदेश दिए हैं, ताकि ऐसे मामले दोबारा न आएं।
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