उत्तर प्रदेश

दुर्लभ बीमारी स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी का दूसरा केस मिला

Admindelhi1
24 Feb 2024 5:39 AM GMT
दुर्लभ बीमारी स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी का दूसरा केस मिला
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11 माह के बच्चे की इसी बीमारी से जान जा चुकी है

मेरठ: किदवई नगर गली नंबर तीन निवासी मोहसिन के माह के बेटे मोहम्मद हसन में यह बीमारी पाई गई है. इसी मोहल्ले में पिछले महीने मोहम्मद ज़ैन नामक 11 माह के बच्चे की इसी बीमारी से जान जा चुकी है. उसे भी 17 करोड़ रुपये के इंजेक्शन की जरूरत थी, जो लग नहीं सका था. मोहसिन ने बताया कि डॉक्टर द्वारा जांच कराने पर इस बीमारी का पता चला. वह मजदूरी करते हैं. इतने महंगे इंजेक्शन का खर्च वहन करने में असमर्थ हैं.

उन्होंने डीएम दीपक मीणा और राज्यसभा सांसद डॉ. लक्ष्मीकांत वाजपेयी से बेटे के इलाज के लिए मदद की गुहार लगाई है. इंस्टाग्राम पर भी मदद के लिए अपील की है.

मेरठ की इशानी को लगा था करोड़ का इंजेक्शन: स्पाइनल मस्क्यूलर अट्रॉफी से पीड़ित ब्रह्मपुरी की इशानी उन भाग्यशाली बच्चों में है, जिसे करोड़ का इंजेक्शन लग गया था. जब वह 21 माह की थी तो उसे ये इंजेक्शन लगा था. अब वह चार साल की हो चुकी है.

जोलगेन्स्मा इंजेक्शन है इस बीमारी का इलाज: स्पाइनल मस्क्यूलर अट्रॉफी बीमारी का इलाज ज़ोलगेन्स्मा इंजेक्शन है. यह इंजेक्शन स्विटजरलैंड की एक कंपनी तैयार करती है. यह इंजेक्शन एक तरह का जीन थैरेपी ट्रीटमेंट है. इंजेक्शन की कीमत करोड़ है.

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