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उत्तर प्रदेश
SDM ने बीच में बंद कराई 200 साल पुरानी रामलीला, महंत ने त्यागा अन्न-जल...कार्रवाई की मांग
Shantanu Roy
4 Oct 2022 11:50 AM GMT
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बड़ी खबर
कानपुर। उत्तर प्रदेश में कानपुर के शिवली थाना क्षेत्र के साकेत धाम को रामलीला मंचन की जन्मस्थली मानते हैं और यहां दो सौ से अधिक समय से रामलीला का मंचन हो रहा है। यहां के कई कलाकारों ने प्रदेश ही नहीं पूरे देश में रामलीला मंचन में ख्याति बटोरी और इसे दूसरे राज्यों तक पहुंचाया। इसी क्रम में इस साल भी रामलीला का मंचन किया जा रहा था। वहीं एसडीएम ने 210 वर्ष पुरानी रामलीला को यह कहते हुए बीच में बंद करा दिया की अनुमति नहीं ली गई है। जिसके बाद लोगों में आक्रोश फैल गया है। सोमवार की सुबह साकेत धाम मंदिर के महंत समेत लोगों ने अनशन शुरू कर दिया है और एसडीएम पर कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।
महंत ने अन्न जल का किया त्याग
पूरा ममाला कानपुर देहात के शिवली थाना क्षेत्र के साकेत धाम का है। जहां 210वीं रामलीला का मंचन हो रहा था। इसी बीच रविवार को देर रात करीब 12.30 बजे मैथा एसडीएम महेंद्र कुमार पहुंचे और लीला बंद करवा दी। लोगों ने कारण पूछा तो बताया कि अनुमति नहीं ली गई है। काफी बहस के बाद भी रामलीला का मंचन शुरू नहीं हो सका। सालों से होने वाली रामलीला को प्रशासन ने रुकवा दिया तो साकेत धाम मंदिर के महंत संत कुमार ने अन्न जल का त्याग कर दिया है।
एसडीएम ने अनुमति पत्र पर नहीं किए दस्तखत: तिवारी
इन लोगों ने जिलाधिकारी से लिखित शिकायत कर एसडीएम के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है। वही, जिला प्रशासन ने मंगलवार को इलाके में स्थिति को तनावपूर्ण होते देख सुरक्षा की दृष्टि से पुलिस बल मौके पर तैनात कर दिया है। रामलीला समिति के अध्यक्ष वैभव तिवारी ने कहा कि 10 दिन पूर्व ही अनुमति मांगी गई थी। उनके आवेदन पर सभी जगह से आख्या लगकर एसडीएम कार्यालय में पहुंच भी गई थी। सभी विभागों की आख्या होने के बावजूद भी एसडीएम ने अनुमति पत्र पर दस्तखत ही नहीं किये।
SDM के विरुद्ध कार्रवाई की मांग
तिवारी ने बताया कि 210 साल से रामलीला हो रही है। इस स्थान को लीला मंचन की जन्मस्थली माना जाता है। उन्होंने कहा कि आज तक कभी भी किसी भी प्रकार की समस्या नहीं हुई और ना ही किसी ने रामलीला को रुकवाया है। पहली बार रामलीला का मंचन रुकवाया गया है। इससे नाराज होकर स्थानीय लोगों ने एसडीएम के विरुद्ध कार्रवाई करने की मांग की।
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