- Home
- /
- राज्य
- /
- उत्तर प्रदेश
- /
- मोबाइल के लिए डांटा तो...
गोरखपुर: उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। जहां नानी ने मोबाइल चलाने से मना किया तो नतिनी ने जहरीला पदार्थ पीकर अपनी जान दे दी। पुलिस ने पोस्टमॉर्टम के बाद शव को परिजनों को सौंप दिया है। किशोरी के माता-पिता की तरफ से किसी के खिलाफ कोई शिकायत नहीं दर्ज कराई गई है।
गुलहरिया थाना क्षेत्र के एक गांव में अपने नाना नानी के घर रह कर पढ़ाई करने वाली 13 वर्षीय किशोरी ने कीटनाशक पदार्थ पीकर अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली। जानकारी के मुताबिक किशोरी अपने नाना नानी के घर रह कर पढ़ाई करती थी शुक्रवार की शाम नानी ने नतिनी को मोबाइल चलाते देखा तो फटकार लगाई और कहा कि पढ़ाई पर ध्यान दो, यह बात नतिनी को बेहद नागवार गुजरी।
नानी-नाना जब किसी काम के सिलसिले में घर से बाहर निकले तो किशोरी ने घर में रखे कीटनाशक पदार्थ को पी लिया और सो गई। नानी =नाना जब घर वापस लौटे और उन्होंने नतिनी को सोते देखा तो उसे जगाने की कोशिश की शरीर में कोई हरकत न होते देख नानी शोर मचाने लगी। शोरगुल सुनकर आस-पड़ोस के लोग इकट्ठे हो गए, किशोरी को अस्पताल ले जाया गया जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
थाना प्रभारी गुलरिया का कहना है कि सूचना पर मौके पर पहुंचे थे। शव को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा गया था। लड़की के माता-पिता की तरफ से किसी के खिलाफ कोई शिकायत दर्ज नहीं कराई गई है। शव को परिवारजनों के सुपुर्द कर दिया गया है।
जिला अस्पताल के वरिष्ठ मनोचिकित्सक डॉक्टर अमित शाही से जब इस बारे में पूछा गया कि आखिर आजकल बच्चे लगातार इस तरह की घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं, तो उनका कहना था कि विगत दिनों सेंट एंड्रयूज कॉलेज के मनोविज्ञान विभाग के प्रफेसर्स और हमारी टीम ने मिलकर एक शोध किया था। इसमें पाया गया कि कम उम्र में ही बच्चों को मोबाइल दे दिया जा रहा है। जो उन्हें वर्चुअल ऑटिज्म का शिकार बना रहा है।
बच्चे मोबाइल की दुनिया में इस तरह लीन हो जाते हैं कि उन्हें इसके अलावा कुछ और सूझता ही नहीं। जब मोबाइल से बच्चों को वंचित करने का प्रयास किया जाता है या डाटा फटकारा जाता है तो वह हिंसक हो जाते हैं। ऐसे में वो खुद को या दूसरों को नुकसान भी पहुंचा देते हैं। बच्चों को मोबाइल से दूर करना ही होगा। अन्यथा भविष्य में इसके परिणाम बेहद भयावह होंगे।