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गृहकर बकाये में करोड़ों का घोटाला, चेक बाउंस कराकर भी खेल
लखनऊ न्यूज़: नगर निगम में हाउस टैक्स बकाए पर सील हो चुके बड़े संस्थानों पर मेहरबानी दिखाते हुए लाखों के टैक्स को चंद हजार में जमाकर करवाकर करोड़ों का घपला किया गया है. नगर निगम जोन दो के मोहल्ला मवैया के भगवत दास पर 13 लाख 87 हजार 231 रुपए हाउस टैक्स बकाए पर बिल्डिंग सील कर दी गई थी. चार दिसंबर 2021 को 50 हजार का चेक जमा करने पर इसकी सील खोली गई. 13 जनवरी 2023 को 1,09,600 रुपए जमा कराकर पूरा टैक्स खत्म कर दिया गया.
अफसरों ने एक झटके में 12 लाख 27 हजार 622 रुपए का टैक्स घटा दिया. इस बिल्डिंग का कर निर्धारण पहले एक अप्रैल 2010 को किया गया था. अधिकारियों ने दोबारा कर निर्धारण एक अप्रैल 2020 को दिखा दिया. घोटाले का अकेले यही एक मामला नहीं है. ऐसे दर्जनों मामले सामने आए हैं, जिसमें करोड़ों के हाउस टैक्स की हेराफेरी की आशंका जतायी गयी है.
नगर निगम में हाउस टैक्स घोटाले से जुड़े कई अहम दस्तावेज ‘हिन्दुस्तान’ के पास हैं. जोन पांच में सिद्ध सदन गेस्ट हाउस की निशि गुप्ता के हाउस टैक्स में खामी मिली. सात सितम्बर 2022 को 8 लाख 67 हजार 434 रुपए टैक्स बाकी होने पर बिल्डिंग सील करा दी. दो माह बाद 16-17 नवम्बर 2022 को टैक्स 1,73,340 रुपए जमाकर बाकी खत्म कर दिया गया. दो महीने में 6 लाख 94 हजार 094 रुपए हाउस टैक्स घटा दिया. जोन पांच के स्नेहनगर की निर्मला पर 9,48,581 हाउस टैक्स बकाया था. इनकी बिल्डिंग भी सील हुई थी. सितम्बर 2022 में ही टैक्स घटा केवल 80755 रुपए कर दिया गया. यहां भी निगम को 8 लाख का नुकसान हुआ.
चेक बाउंस कराकर भी खेल
जोन एक अमीनाबाद के नितिन पर 1,88,923 रुपए बाकी था. इनसे 31 दिसम्बर 2022 को एक लाख का चेक लिया गया. 88,923 बाकी दिखाया था. बाद में चेक बाउंस करा दिया गया. पहले बिल्डिंग का कर एक अप्रैल 2010 को 1,88,923, फिर14 मार्च 2023 को 87,148 रुपए कर दिया.
2002 की दर पर टैक्स
अमीनाबाद के सिद्दीक एम नफीस का कर 2002 के रेट से टैक्स घटाया गया. पहले 2002 के रेट पर टैक्स 63,431 था. 20 मार्च 2023 को टैक्स पुराने रेट पर और घटा 31,879 ही जमा करा लिया.
टैक्स में गड़बड़ी की जांच करांएगे. मेरे पास अलग लीगल टीम है. उससे जांच होगी. जो भी अफसर दोषी मिलेंगे, उन सभी प कार्रवाई की जाएगी.
इन्द्रजीत सिंह, नगर आयुक्त