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उत्तर प्रदेश
जौहर विश्वविद्यालय पर यूपी सरकार की कार्रवाई के खिलाफ आजम की याचिका पर कल SC करेगा सुनवाई
Shantanu Roy
28 Sep 2022 10:07 AM GMT
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रामपुर/नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय उत्तर प्रदेश के रामपुर में मोहम्मद अली जौहर विश्वविद्यालय का नियंत्रण कथित रूप से अपने हाथ में लेने की राज्य सरकार की कार्रवाई के खिलाफ समाजवादी पार्टी के नेता आजम खान की याचिका पर बृहस्पतिवार को सुनवाई करेगा। प्रधान न्यायाधीश उदय उमेश ललित, न्यायमूर्ति एस. रवींद्र भट्ट और न्यायमूर्ति जे. बी. पारदीवाला की एक पीठ ने बुधवार को आजम खान की ओर से पक्ष रख रहे वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल के उस प्रतिवेदन पर गौर किया, जिसमें कहा गया है कि राज्य सरकार निजी विश्वविद्यालय के खिलाफ कई तरह की कार्रवाई कर रही है। प्रधान न्यायाधीश ने कहा, '' सभी दलीलों पर गौर करने के लिए मामले को कल (बृहस्पतिवार को) उचित पीठ के समक्ष सूचीबद्ध किया जाता है।
सिब्बल ने कहा कि नेता के खिलाफ राज्य सरकार और अन्य प्राधिकारों ने कई आपराधिक व अन्य मामले दर्ज किए हैं और अब विश्वविद्यालय का नियंत्रण भी ले लिया गया है। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय की एक दीवार भी गिरा दी गई है। मोहम्मद अली जौहर विश्वविद्यालय की स्थापना 2006 में एक ट्रस्ट द्वारा की गई थी और खान इस निजी विश्वविद्यालय के चांसलर हैं। गौरलतब कि उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने 10 सितंबर 2021 को समाजवादी सरकार द्वारा 2005 में दी गई मौलाना अली जौहर विश्वविद्यालय की लगभग 170 एकड़ जमीन को वापस ले लिया। सुप्रीम कोर्ट ने 19 अप्रैल 2002 को यूपी सरकार के फैसले पर रोक लगा दी। मोहम्मद अली जौहर विश्वविद्यालय अधिनियम 2005 द्वारा स्थापित एक निजी विश्वविद्यालय है। आजम खान विश्वविद्यालय के चांसलर हैं। कानून के अनुसार, यदि ऐसी शर्त का उल्लंघन किया जाता है, तो राज्य सरकार द्वारा दी गई अनुमति वापस ले ली जाती है।
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