उत्तर प्रदेश

सठला का तीन दरा पुल बेहद जर्जर हालत में, जिले में आठ पुलों को मरम्मत की दरकार

Admin Delhi 1
10 Nov 2022 8:57 AM GMT
सठला का तीन दरा पुल बेहद जर्जर हालत में, जिले में आठ पुलों को मरम्मत की दरकार
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मेरठ न्यूज़: गुजरात के मोरबी में सस्पेंशन वाला पुल टूटने से कई लोगों की जानें चली गयी थीं। इसके बाद योगी सरकार ने पीडब्ल्यूडी की मारफत सेतु निगम को भी इस बात के निर्देश दिए थे कि प्रदेश भर में जहां-जहां भी जर्जर पुल हैं, उनकी मरम्मत कराई जाए। इसके बाद पीडब्ल्यूडी के चीफ इंजीनियरों ने अपने अपने क्षेत्रों में पुलों की जांच-पड़ताल कर बाकायदा एक सूची तैयार करवाई थी और वो सूची शासन को भी भेजी गई थी। मेरठ में भी अधिशासी अभियंता एसके सारस्वत ने अपने एई के माध्यम से सूची तैयार कार्रवाई थी। इस सूची में मेरठ के आठ पुल ऐसे थे जिन्हे मरम्मत की दरकार थी। अब यहां सबसे बड़ा सवाल यह है कि जिन आठ पुलों को मरम्मत की दरकार है, उन्हें कब दुरुस्त किया जाएगा। यहां यह गौरतलब है कि भले ही मेरठ में कोई सस्पेंशन वाला पुल नहीं है, लेकिन मवाना क्षेत्र के सठला में जो तीन दरा जर्जर पुल सहित आठ अन्य पुल हैं उनकी मरम्मत के लिए पीडब्ल्यूडी क्या कदम उठाता है। इसी प्रकरण को लेकर सठला के ग्रामीणों ने तो आवाज तक बुलन्द कर दी है।

सामाजिक कार्यकर्ता साजिद खान के नेतृत्व में ग्रामीणों ने संबधित विभाग के अधिकारियों को पत्र भेजकर आगाह कर दिया है कि यदि इस पुल की शीघ्र मरम्मत नहीं कराई गई तो यहां कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है और यह भी कह दिया है कि इसकी पूरी जिम्मेदारी संबधित विभाग की ही होगी। सठला का यह तीन दरा पुल काफी पुराना है और जर्जर हालत में पहुंच चुका है। इस पुल की दीवारों में से र्इंटे तक निकलनी शुरु हो गई हैं। सठला के ग्रामीणों के अनुसार इसके बावजूद इस पुल पर से हेवी लोडेड वाहन अभी भी गुजर रहे हैं। इसके अलावा पीडब्ल्यूडी के अधिशासी अभियंता एसके सारस्वत ने जो रिपोर्ट शासन को भेजी उसमें कहा गया है कि लोक निर्माण विभाग के प्रांतीय खंड में कुल 50 पुल हैं और इनमें आठ को रिपेयरिंग की दरकार है।

सठला के ग्रामीणों के अनुसार यहां का जो तीन दरा पुल है वो लगभग आधा दर्जन से अधिक गांवों को आपस में जोड़ता है जिस कारण उस पर आवगमन का लोड रहता है। इसके बावजूद इस जर्जर पुल का कोई पुरसाने हाल नहीं है। ग्रामीणों ने स्पष्ट कर दिया है कि यदि यहां फौरन काम शुरु न हुआ तो यहां के लोग आन्दोलन करने को बाध्य होंगे।

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