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हाईटेक सुविधाओं से सुसज्जित सरूरपुर मेरठ जिले की सबसे बड़ी आधारशिला प्रयोगशाला
सरूरपुर: क्षेत्र के खंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय पर बनाई गई आधारशिला विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी प्रयोगशाला पूरे जिले में अन्य प्रयोगशालाओं का आधार बनेगी। लगभग दो लाख रुपये की लागत से विकसित की गई मेरठ जिले की सबसे बड़ी अत्याधुनिक विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी प्रयोगशाला में 80 तरह के एक्सपेरिमेंट किए जा सकते हैं। बेहद आधुनिक तकनीक और सुसज्जित ढंग से बनाई गई यह आधारशिला प्रयोगशाला दूसरे ब्लॉक और स्कूलों के लिए नजीर बनेगी।
सरूरपुर खंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय यानि ब्लॉक संसाधन केंद्र के दो भवनों में लगभग दो लाख रुपये की लागत से सुसज्जित की गई जिले की सबसे बड़ी आधारशिला विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी प्रयोगशाला दो बड़े कमरों में शिक्षा विभाग द्वारा सुसज्जित की गई है। दो लाख रुपये की लागत से बनाई गई अत्याधुनिक आधारशिला विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी प्रयोगशाला के बारे में बेसिक शिक्षा विभाग के जहांगीर आलम ने जानकारी देते हुए बताया कि इस तरह की विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी सुविधाओं से लैस यह मेरठ जिले की सबसे बड़ी और प्रदेश में किसी विज्ञान एआरपी द्वारा विकसित इकलौती प्रयोगशाला है।
इस प्रयोगशाला को 4 हिस्सों में बांटा गया है। जिसमें टेक्नोलॉजी,भौतिक विज्ञान, रसायन विज्ञान व जीव विज्ञान के 80 से भी ज्यादा प्रयोग किए जा सकते हैं। साथ ही प्रयोगशाला में लेटेस्ट टेक्नोलॉजी का भी खास ध्यान रखा गया है। जिसमें वाईफाई, नेचुरल लैंग्वेज प्रोसेसिंग के अंतर्गत गूगल असिस्टेंट,नाविक भारत का अपन जीपीएस, स्मार्ट बल्ब, रोबोटिक्स, सेंसर का प्रयोग, हाइड्रोपोनिक्स एवं डकवीड (प्रोटीन स्रोत) खाद्य पदार्थों में मिलावट की जांच आदि प्रयोगशाला की मुख्य विशेषताएं हैं। इस अत्याधुनिक प्रयोगशाला में यहां की दीवारों पर भी जागृत एवं जिज्ञासा के साथ कुछ नए एक्सपेरिमेंट देखने को मिल सकते हैं।
चंद्र ग्रहण एवं सूर्य ग्रहण जैसी प्राकृतिक खगोलीय घटनाओं को बारीकी से देखने संबंधी टेलीस्कोप जैसी सुविधाएं प्रयोगशाला में सुसज्जित की गई हैं। विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी आधारशिला विज्ञान प्रयोगशाला विकसित करने में अहम् भूमिका निभाने वाले शिक्षा विभाग के जहांगीर आलम का कहना है कि उन्हें कम समय में बेहतर करने की चुनौती दी गई थी। लेटेस्ट टेक्नोलॉजी से लैस इस आधार विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी प्रयोगशाला का निर्माण किया है। इसके निर्माण में उन्हें कई प्रदेशों तक से सामान और उपकरण जुटाने पडेÞ।
ये नए टेक्नोलॉजी और किए जा सकते हैं प्रयोग: विज्ञान प्रौद्योगिकी आधारशिला प्रयोगशाला के बारे में विस्तृत जानकारी देते हुए अहम् भूमिका निभाने वाले जहांगीर आलम ने बताया कि इसमें लेटेस्ट और अनोखी तकनीक डाटा ट्रांसमिशन पर खास फोकस किया है। उन्होंने बताया कि जिस तरह मोबाइल पर हम निकलने वाली तरंगों के माध्यम से एक दूसरे से बात करते हैं।
इसी तरह डाटा ट्रांसमिशन का कार्य प्रकाश की किरणों के माध्यम से भी हम वाईफाई टेक्नोलॉजी के जरिए कर सकते हैं। जिस वाईफाई टेक्निक का एक्सपेरिमेंट इस प्रयोगशाला में किया जा सकता है। इसी तरह हाइड्रोपोनिक्स यानी मिट्टी के बिना भी पेड़ पौधे और फसल केवल पानी में ही उगाई जा सकती है। उन्होंने बताया कि पानी के अंदर किस तरह से हम फसलें नाइट्रोजन, फास्फोरस, पोटेशियम, आयरन की सहायता से उगा सकते हैं।
उन्होंने इस तकनीक के बारे में बताया कि भविष्य में घटती जमीन और बढ़ती आबादी की जरूरतों को पूरा करने में इस तरह के एक्सपेरिमेंट करके यह प्रयोग सफल किए जा सकते हैं। इसके अलावा उन्होंने एक जलीय पौधे डकवीड के बारे में भी बताया कि डकवीड तालाब आदि में पाए जाने वाला एक ऐसा पौधा है जिसमें 40% तक प्रोटीन होता है।
उन्होंने डकवीड के पौधे में बताया कि पोषक तत्व का प्रयोग करके इस पौधे में 60% तक प्रोटीन को बढ़ाया जा सकता है। जिसे जैविक खाद के रूप में भी फसलों में और इंसान में प्रोटीन की कमी होने पर बखूबी इस्तेमाल किया जा सकता है। इसके अलावा उन्होंने रोबोट, पाइथन कंप्यूटर प्रोग्रामिंग टेक्नोलॉजी भी इस लैब लेस की हैं।
मेरठ के लिए आधार बनेगी प्रौद्योगिकी प्रयोगशाला: सीडीओ
मुख्य विकास अधिकारी शशांक चौधरी ने प्रयोगशाला का अवलोकन और उद्घाटन करने के बाद साफ तौर पर कहा कि यह आधारशिला विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी प्रयोगशाला अन्य ब्लॉक व जिलों के लिए आधार बनकर उभरेगी। उन्होंने इस अत्याधुनिक विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी प्रयोगशाला से अभिभूत होकर कहा कि वह इस तरह की अन्य प्रयोगशालाओं में भी ऐसी टेक्नोलॉजी ऐड कराएंगे।
ब्लॉक व ग्राम पंचायत स्तर पर भी हो ऐसी प्रयोगशालाएं: बीईओ
जिले की सबसे बड़ी अत्याधुनिक आधारशिला विज्ञान एवं प्रौद्योगिक प्रयोगशाला ब्लॉक स्तर पर सुसज्जित होने के बाद खंड शिक्षा अधिकारी सुश्री कविता चौहान ने कहा कि इस तरह की प्रयोगशाला अन्य ब्लॉक और ग्राम स्तर पर विकसित करके कल के भविष्य को संवारने के लिए बनाई जा सकती है।
उन्होंने कहा कि यह प्रयोगशाला सरूरपुर ब्लॉक में स्थापित होने पर अन्य ब्लॉक और जिलों के लिए आने वाले समय में नजीर साबित होगी।
कल के भविष्य के लिए की मेहनत से मिली संतुष्टि: जहांगीर
प्रयोगशाला के निर्माण को सूचित करने में अहम् भूमिका निभाने वाले जहांगीर आलम का कहना है कि उन्होंने अपने जीवन में कल के भविष्य के लिए कुछ बेहतर करने की कोशिश की है।
जिसके लिए वे विभाग अन्य सहयोगियों का काफी आभारी हैं।