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उत्तर प्रदेश
संघ प्रमुख मोहन भागवत आज गाजीपुर के जखनियां हथियाराम मठ जाएंगे, धार्मिक अनुष्ठान में करेंगे शिरकत, जानें कार्यक्रम का पूरा शेड्यूल
Renuka Sahu
23 March 2022 2:13 AM GMT
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फाइल फोटो
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत का जनपद आगमन कल यानी 23 मार्च बुद्धवार को जखनियां तहसील के अंतर्गत स्थित सिद्ध पीठ हथियाराम मठ पर धार्मिक कार्यक्रम के आयोजन में होना सुनिश्चित हुआ है.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत (Mohan Bhagwat) का जनपद आगमन कल यानी 23 मार्च बुद्धवार को जखनियां (Jakhanian) तहसील के अंतर्गत स्थित सिद्ध पीठ हथियाराम मठ (Hathiyaram Math)पर धार्मिक कार्यक्रम के आयोजन में होना सुनिश्चित हुआ है. जिसको लेकर मठ परिसर में तैयारियां बड़े ही जोरों शोर पर की जा रही हैं. वहीं कार्यक्रम का पल पल का जायजा जखनियां तहसील के एसडीएम एवं क्षेत्राधिकारी के द्वारा लिया जा रहा है.
कार्यक्रम के आयोजक हथियाराम मठ के महामंडलेश्वर भवानी नंदन यति जी महाराज के प्रतिनिधि डॉ संतोष मिश्रा के द्वारा संघ प्रमुख मोहन भागवत के आगमन के बारे में जानकारी दी गई. उन्होंने बताया कि मोहन भागवत जी कल वाराणसी से सड़क मार्ग से हथियाराम मठ दिन में 11:00 बजे पहुंचेंगे और इस दौरान उनका मठ प्रांगण में ही कई तरह के धार्मिक कार्यक्रमों में शामिल होने के पश्चात शाम करीब 4:00 बजे वाराणसी के लिए सड़क मार्ग से ही वापस जाने का है. उन्होंने बताया कि मठ पर आने का मुख्य उद्देश धार्मिक एवं आध्यात्मिक कार्यक्रमों से प्रेरित होना है. क्योंकि यह मठ करीब 850 साल पुरानी तपोस्थली है. और मोहन भागवत के अंदर श्रद्धा भाव है.
इसके पूर्व मठ के महामंडलेश्वर भवानी नंदन यति जी महाराज से लगातार मिलते रहे हैं. और इसी मिलने के क्रम में धार्मिक एवं आध्यात्मिक कार्यक्रम बनाया है. इस दौरान व कार्यकर्ताओं से मिलने का कोई कार्यक्रम नहीं है हालांकि कार्यक्रम के अंत में मठ के भक्तों से मिलने का और उन्हें आशीर्वचन देने का कार्यक्रम है.
धार्मिक अनुष्ठान में शिरकत करेंगे मोहन भागवत
हथियाराम मठ के पीठाधीश्वर भवानी नंदन यति महाराज ने मंगलवार को पत्रकार वार्ता में कहा कि आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के आगमन का पूरा कार्यक्रम धार्मिक अनुष्ठान से जुड़ा है. राष्ट्रीय स्वयंसेवक के सरसंघचालक मोहन भागवत सिद्धदात्री बुढि़या माई के दर्शन व अनुष्ठान में भाग लेंगे. कहा कि उनका प्रयास सिद्धपीठ की पंरपरा को आगे बढ़ाना है. हथियाराम मठ पर शारदीय नवरात्र व हरिहरपुर कालीमंदिर में बासंतीय नवरात्र पर कार्यक्रम होता है.
सैकड़ो वर्ष प्राचीन है सिद्धपीठ हथियाराम मठ
मुख्यमंत्री के शपथ ग्रहण के संबंध में पूछने पर बताया कि मेरा कोई राजनीतिक मंच नहीं है, अगर मुझे वहां बुलाया गया तो जा सकता हूं. राष्ट्र धर्म को सर्वोपरि मानता हूं. सिद्धपीठ हथियाराम मठ सैकड़ो वर्ष प्राचीन है. यह सिद्धपीठ राष्ट्र धर्म को सर्वोपरि मानता है. यहां आसीन होने वाले संत यति सन्यासी कहे जाते हैं. इस गद्दी की परंपरा दत्तात्रेय, शुकदेव तथा शंकराचार्य से प्रारंभ होती है. मठ का प्रमाण सामान्य जनश्रुति, प्राचीन हस्तलिपि, लिखित पुस्तक तथा भारतीय इतिहास में भी मिलता है. श्रीसिंह श्याम यति से इस पीठ की संत परंपरा प्रारंभ हुई. यह देश की प्रसिद्ध सिद्धपीठों में शुमार है. इस मठ की शाखाएं देश के कोने-कोने में हैं, इसके लाखों शिष्य हैं.
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