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साहब सिंह सैनी ने स्वीकारा बीजेपी सोमवार को लखनऊ में करेंगे ज्वाइनिंग
सहारनपुर/मुज़फ्फरनगर- लोक सभा चुनावों की तैयारियों के मद्देनजर सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी ने पिछड़ी बिरादियों की भाजपा के पक्ष में गोलबंदी की मुहिम एकाएक तेज कर दी हैं। इसी कड़ी में पश्चिम में प्रभाव रखने वाले और अखिलेश यादव सरकार में काबिना मंत्री रहे सहारनपुर के दिग्गज नेता साहब सिंह सैनी का भाजपा में शामिल होना तय हो गया है, उन्होंने सोमवार को बीजेपी में शामिल होने की पुष्टि भी की है जबकि मुज़फ्फरनगर के पूर्व सांसद राजपाल सैनी अभी भी बीजेपी में जाने से ना-नुकुर कर रहे है जबकि सूत्रों के मुताबिक वे रविवार को अपने समर्थकों के साथ लखनऊ जाने की भी तैयारी कर रहे है। बीजेपी सूत्र राजपाल सैनी की भी सोमवार को पार्टी में शामिल होने की पुष्टि कर रहे है।
सहारनपुर के दिग्गज नेता साहब सिंह सैनी ने आज संवाददाताओं को बताया कि वह सोमवार को लखनऊ में भाजपा के शीर्ष नेताओं की मौजूदगी में भाजपा में शामिल हो जाएंगे। उन्होंने पार्टी में शामिल होने की कोई शर्त नहीं रखी है। जो भी पार्टी का आदेश- निर्देश होगा वह उन्हें शिरोधार्य होगा।
आपको बता दे कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश के सहारनपुर, मुरादाबाद दो मंड़लों में सैनी बिरादरी के मतदाताओं की अच्छी-खासी संख्या है। सभी दलों ने इस बिरादरी को समय-समय पर भरपूर भागीदारी दी है। लेकिन 5 दिसंबर 2022 को सहारनपुर मंड़ल की खतौली विधान सभा सीट पर हुए उपचुनाव में भाजपा उम्मीदवार राजकुमारी सैनी (पूर्व प्रधान कवाल) पत्नी पूर्व विधायक विक्रम सैनी सपा समर्थित रालोद उम्मीदवार गुर्जर बिरादरी के मदन भैय्या से 22 हजार वोटों से भारी अंतर से चुनाव हार गई थी।भाजपा की सारी रणनीति और उसके सारे स्टार प्रचारक भाजपा को खतौली सीट पर जीत नहीं दिला पाए थे।
तभी से भाजपा के रणनीतिकार इस बिरादरी के दूसरे दलों में स्थापित नेताओं को भाजपा में लाने को जुट गए थे। विधान सभा चुनाव 2022 के ऐन मौके पर सहारनपुर की नकुड़ सीट से विधायक और योगी सरकार में मंत्री डा. धर्मसिंह सैनी, स्वामी प्रसाद मौर्य के साथ भाजपा छोड़कर सपा में चले गए थे और नकुड़ सीट से भाजपा के नए और गुर्जर उम्मीदवार मुकेश चौधरी से मात्र कुछ सौ वोटों से हार गए थे।
उसी चुनाव में भाजपा ने भी डा. धर्मसिंह सैनी के विकल्प के तौर पर बेहट क्षेत्र के कांग्रेस विधायक नरेश सैनी को तोड़कर भाजपा टिकट पर चुनाव लड़ाया था लेकिन नरेश सैनी चुनाव में परास्त हो गए थे। खतौली उपचुनाव के मौके पर उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और प्रदेश भाजपा अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी ने डा. धर्मसिंह सैनी की भाजपा में वापसी तय करा दी थी। लेकिन स्थानीय नेताओं के विरोध को देखते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने तब धर्मसिंह सैनी की भाजपा में ज्वाइनिंग टलवा दी थी। अभी तक भी डा. धर्मसिंह सैनी को लेकर संशय बना हुआ है।
इसी बीच भाजपा के सैनी बिरादरी के स्थानीय नेताओं ने सहारनपुर के सैनी बिरादरी के नेता अखिलेश सरकार में पूर्व मंत्री रहे साहब सिंह सैनी को भाजपा में शामिल करने के लिए तैयार कर लिया है। भाजपा के जिलाध्यक्ष डा. महेंद्र सैनी और खुद साहब सिंह सैनी ने आज इस संवाददाता को बताया कि वह सोमवार 24 जुलाई को लखनऊ में भाजपा में शामिल होंगे। उनकी ज्वाइनिंग को लेकर उत्तर प्रदेश भाजपा के महामंत्री संगठन धर्मपाल सैनी, प्रदेश अध्यक्ष चौधरी भूपेंद्र सिंह, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और सहारनपुर के स्थानीय नेता राज्य मंत्री जसवंत सैनी, राज्यमंत्री बृजेश रावत, विधायक मुकेश चौधरी, विधायक देवेंद्र निम, नगर विधायक राजीव गुंबर आदि सभी राजी हैं।
दूसरी तरफ मुजफ्फरनगर के सैनी बिरादरी के बड़े नेता और मायावती सरकार में मंत्री और राज्यसभा सदस्य रहे राजपाल सैनी ने कहा कि भाजपा नेतृत्व उनको पार्टी में लेने के लिए अप्रोच कर रहा है। लेकिन वह अभी भाजपा में शामिल होने नहीं जा रहे हैं। राजपाल सैनी 2022 के विधान सभा चुनाव में खतौली सीट पर रालोद समर्थित सपा उम्मीदवार थे, उन्हें भाजपा के विधायक एवं उम्मीदवार विक्रम सैनी के सामने पराजय का सामना करना पड़ा था। राजपाल सैनी ने करीब 87 हजार वोट प्राप्त किए थे।
बीजेपी सूत्रों का कहना है कि राजपाल सैनी भले ही अभी इंकार कर रहे हो लेकिन उनकी भी लखनऊ में बीजेपी में शामिल होने की तैयारी पूरी हो गयी है। पूर्व सांसद राजपाल सैनी ने हालांकि अभी पुष्टि नहीं की है और वह चुप्पी साधे हुए हैं लेकिन अपने समर्थकों को लखनऊ जाने के लिए आमंत्रित करते भी देखे जा रहे हैं। भाजपा के क्षेत्रीय अध्यक्ष सतेंद्र सिसोदिया ने भी बताया कि राजपाल सैनी के भाजपा में शामिल होने की पूरी संभावना है।
अब देखना यह है कि भारतीय जनता पार्टी क्या सैनी बिरादरी के किसी दमदार नेता को लोक सभा का चुनाव लड़ाती है अथवा वह पिछड़ी बिरादरियों की गोलबंदी के लिए सैनी बिरादरी के नेताओं को साथ लाने की कवायद कर रही है।