उत्तर प्रदेश

संसद में हंगामे से दुखी उपराष्ट्रपति ने आयुर्वेदाचार्यों से की ऐसी औषधि बनाने की अपील

Admin Delhi 1
12 March 2023 9:05 AM GMT
संसद में हंगामे से दुखी उपराष्ट्रपति ने आयुर्वेदाचार्यों से की ऐसी औषधि बनाने की अपील
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लखनऊ: संसद में हंगामे से दुखी उपराष्ट्रपति एवं राज्य सभा सभापति जगदीप धनखड़ ने शनिवार को आयुर्वेदाचार्यो से एक ऐसी औषधि बनाने की अपील कर डाली जिससे संसद की गरिमा ठीक रहे। उत्तर प्रदेश के मेरठ में आयोजित प्रादेशिक आयुर्वेदिक सम्मेलन में बोलते हुए धनखड़ ने कहा कि, हमारी संविधान सभा ने 3 वर्षों तक अनेक जटिल और विभाजनकारी मुद्दों पर बहस की, उन्हें सुलझाया। लेकिन 3 वर्ष के लंबे समय में, कोई व्यवधान नहीं हुआ, कोई वेल में नहीं आया, कोई प्लेकार्ड नहीं दिखाये गए। हमारा आचरण आज उसके विपरीत है। हम लोकतंत्र के मंदिरों का इस तरह अनादर होते हुए नहीं देख सकते। उन्होंने कहा कि हम न केवल सबसे बड़े प्रजातंत्र हैं बल्कि हम लोकतंत्र की जननी भी हैं। संसद की गरिमा को बनाए रखने की वकालत करते हुए उन्होंने कहा कि, आज आचार्य बालकृष्ण यहां उपस्थित हैं, प्रसिद्ध आयुवेर्दाचार्य मौजूद हैं। राज्य सभा का सभापति होने के नाते मैं कुछ कहना चाहता हूं - कि आप कोई ऐसी औषधि बनाएं ताकि संसद की गरिमा ठीक रहे।

उन्होंने संसद की गरिमा बनाए रखने के लिए जनांदोलन करने की वकालत करते हुए आगे कहा कि, एक वातावरण तैयार कीजिए, संसद और विधान सभाओं में आचारण अनुकरणीय होना चाहिए। वहां व्यवधान नहीं होना चाहिए। पर ये कैसे होगा- इसके लिए आप सभी को जनांदोलन करना होगा। उन लोगों को जवाबदेह बनाना होगा जो इस महान देश की उपलब्धियों का निरादर करते हैं। धनखड़ ने एक बार फिर विदेश में दिए गए राहुल गांधी के बयान की आलोचना करते हुए कहा कि आज देश की सोच और धारा में बदलाव आ गया है। जो कभी सोचा नहीं था, जिसकी कल्पना नहीं थी वो सब आज भारत में हो रहा है। भारत आज पंचायत और म्युनिसिपलिटी से लेकर राज्य और केंद्र स्तर तक, दुनिया का सबसे ज्यादा कार्यात्मक प्रजातंत्र है लेकिन इसके बाद भी कुछ लोग नैरेटिव सेट करने के लिए आरोप लगाते हैं कि दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र की संसद में माइक बंद कर दिया जाता है।

इससे बड़ा असत्य और कुछ नहीं हो सकता। उन्होंने आपातकाल की याद दिलाते हुए आगे कहा कि राज्य सभा के सभापति होने के नाते मजबूरन उन्हें यह कहना पड़ रहा है कि भारत की संसद में माइक बंद नहीं होता। हां एक समय था, एक काला अध्याय था, वो आपतकाल का समय था। उपराष्ट्रपति ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मौजूदगी में प्रदेश में कानून व्यवस्था ठीक करने के लिए उनकी जमकर तारीफ की और साथ ही कोविड के संकट काल में मोदी सरकार द्वारा उठाए गए कदमों और स्वदेशी वैक्सीन का जिक्र करते हुए भारत की विकास यात्रा और बदलते भारत का भी जिक्र किया।

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