उत्तर प्रदेश

चला रहे नर्सिंग होम, सरकारी खजाने से ले रहे वेतन

Admin Delhi 1
5 Aug 2023 4:54 AM GMT

बस्ती: 100 बेड का महिला अस्पताल हर्रैया कागजों में चल रहा है. यहां पर आधा दर्जन से ज्यादा चिकित्सक तैनात होने के बाद भी वह ड्यूटी पर नहीं आते हैं. बताया जा रहा है कि अधिकांश चिकित्सक या तो नर्सिंगहोम चला रहे हैं, या किसी नर्सिंगहोम में अपनी सेवाएं दे रहे हैं. इसके बावजूद इन्हें वेतन सरकारी खजाने से दिया जा रहा है. आला अधिकारियों तक मामले की सूचना होने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है.

100 बेड के महिला अस्पताल की सुबह लगभग 11 बजे की गई पड़ताल में अस्पताल में एक भी चिकित्सक मौजूद नहीं मिला. सीएमएस डॉ. सुषमा जायसवाल भी गैर हाजिर मिलीं. अस्पताल में इक्का-दुक्का मरीज कभी-कभी आते हैं. कुछ कर्मचारी वहां मौजूद थे. पूछने पर बताया गया कि यहां पर चिकित्सक के नहीं आने के कारण मरीज नहीं आते हैं. अस्पताल के एक भाग में स्टॉफ नर्स के सहयोग से लेबर रूम का संचालन किया जा रहा है. वहां कभी-कभी सामान्य प्रसव कराया जा रहा है.

चिकित्सकों के कक्ष पर लटकता रहा ताला 100 बेड महिला अस्पताल के चिकित्सकों के कक्ष पर ताला लटक रहा था. एक चिकित्सक के कमरे का ताला खुला हुआ था, लेकिन कुर्सी खाली थी. सात चिकित्सकों की यहां पर तैनाती है. आधा दर्जन पैरामेडिकल स्टॉफ तैनात हैं. उनके सहारे अस्पताल का संचालन हो रहा है. अस्पताल के बाबू बजरंग कन्नौजिया वेतन बिल बनाने में लगे थे. अगर कोई मरीज अस्पताल में आ जाता है तो उससे स्टॉफ कहता है कि बाहर से जाकर दवा ले लो.

कुल 23 स्टॉफ की है तैनाती चिकित्सालय में कुल 23 कर्मचारी तैनात हैं, जिसमें सात चिकित्सक हैं. सीएमएस डॉ. सुषमा जायसवाल, डॉ. मनोज कुमार, डॉ. सूर्यप्रकाश, डॉ. दीपक शुक्ला, डॉ. प्रियंका, डॉ. छत्रपाल यादव, डॉ. रंजू कन्नौजिया की यहां पर तैनाती है. कोई चिकित्सक मौजूद नहीं था. फार्मासिस्ट ध्रुव कुमार, दीपक श्रीवास्तव, अजय कुमार, हरीश मिश्रा, नरेंद्र चौधरी सहित आधा दर्जन फार्मासिस्ट, एक्स-रे टेक्निशियन, लैब टेक्नीशियन मौजूद रहे.

100 बेड अस्पताल में सीएमएस की तैनाती है, अस्पताल संचालन की जिम्मेदारी उनकी है. चिकित्सकों के नहीं आने के बारे में वही जवाबदेह हैं.

- डॉ. आरपी मिश्र, सीएमओ बस्ती

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