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मेरठ न्यूज़: स्टेट बैंक ऑफ इंडिया कैंट मुख्य शाखा प्रबंधक की ओर प्रार्थना पत्र न्यायालय मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की कोर्ट में दिया गया था. आरोप लगाया गया कि 26 सितंबर से 19 नवंबर 2021 के बीच मेरठ शहर में बैंक के पांच एटीएम से 2366 ट्रांजेक्शन हुई थी. इनमें से ज्यादातर संदिग्ध हैं.
इन ट्रांजेक्शन के दौरान 25 से 30 एटीएम का इस्तेमाल किया गया और 1.60 करोड़ रुपये की रकम निकाली गई. बाद में इन ट्रांजेक्शन को अधूरा बताकर खाताधारक ने कस्टमर केयर पर फोन किया और शिकायत दर्ज कराई. बैंक की ओर से संबंधित खातों में रकम जमा करा दी, लेकिन एटीएम आउटसोर्स का काम देखने वाली कंपनी एफएसएस प्राइवेट लिमिटेड ने रकम वापस नहीं की. छानबीन शुरू हुई तो लेनदेन संदिग्ध पाया गया. इसके बाद कानूनी रूप से शिकायत की गई. कोर्ट ने मुकदमा दर्ज करने के लिए आदेश दिए.
आरबीआई के नियमों का उठाया गलत फायदा
संदिग्ध व्यक्ति बिना कैमरे वाले एटीएम का इस्तेमाल कर रकम निकाल लेता था. इसके बाद कस्टमर केयर पर लेनदेन पूरा नहीं होने की शिकायत की जाती थी. आरबीआई की गाइडलाइन के अनुसार बैंक की तरफ से यह रकम वापस खातों में डलवा ली जाती थी. इसी का फायदा उठा 26 सितंबर 2021 से 19 नवंबर 2021 के बीच हेराफेरी की गई.
इन एटीएम से गड़बड़ी
● गांधी आश्रम चौराहा
● रंगोली मंडप शास्त्रत्त्ीनगर
● नंगलाताशी कंकरखेड़ा
●आशा मेडिकल स्टोर लालकुर्ती
●जाटव गेट एटीएम
जहां नहीं थे कैमरे, वहीं खेल
जिन एटीएम पर लेनदेन पूरा नहीं दिखाया गया इन सभी जगहों पर गार्ड नहीं थे. अधिवक्ता पुनीत शर्मा के अनुसार सीसीटीवी कैमरों का काम नहीं करने से साफ है कि किसी अंदर के व्यक्ति ने या विभागीय व्यक्ति फ्रॉड में मिला हुआ है.
मामला 2021 से चला आ रहा है. कुछ लोगों ने हेरफेर करते हुए 1 करोड़, 60 लाख 79 हजार रुपये से ज्यादा की रकम को गलत तरीके से निकाल लिया. इस मामले में कोर्ट में अर्जी देते हुए कार्रवाई शुरू की गई थी. इसके बाद मुकदमे का आदेश हुआ है. बैंक की ओर से भी कार्रवाई चल रही है. - राहुल गर्ग, मुख्य प्रबंधक, एसबीआई कैंट ब्रांच.