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- लूट-अपहरण और कत्ल...
मुरादाबाद: इसे बदमाशों का दुस्साहस कहें या अधिकारियों की नाकामी। बीते नौ दिनों में हुई चार हत्याओं, अपहरण और लूट की बड़ी वारदातों ने जिले के लोगों को खौफजदा कर दिया है। एक के बाद एक हो गई बड़ी आपराधिक घटनाएं पुलिसिया इंतजाम पर बड़ा सवाल हैं।
अगस्त में अपराधों की बाढ़ सकी आ गई है। अभी महीने के दस दिन भी नहीं हुए हैं कि बदमाशों ने एक के बाद एक हत्या, अपहरण लूट की वारदातों से जिले को दहला रखा है। इसके अलावा चोरी, ठगी की भी कई वारदातें इस दौरान हुई हैं। लगातार हो रही वारदातें पुलिस के लिए चुनौती बनी हुई हैं। पुलिस अधिकारी भाग दौड़ कर एक वारदात का खुलासा करते हैं। बदमाशों तक इस खुलासे का संदेश भी नहीं पहुंचता तब तक दूसरी-तीसरी वारदात हो जाती है। पुलिस ने छजलैट में हुई हत्या और बुद्धिविहार में हुए अपहरण का खुलासा तो कर दिया है लेकिन इसका असर अपराधियों पर नहीं दिख रहा है। यह तब है जबकि जिले में डीआईजी, एसएसपी समेत चार वरिष्ठ आईपीएस अफसर बैठें हैं।
दो एसपी समेत कई डीएसपी और तेज तर्रार इंस्पेक्टरों की फौज के बाद भी अपराध होने से पुलिस की कार्य शैली पर सवाल खड़े हो रहे हैं। अधिकारी यह दावा करके ही पीठ ठोक रहे हैं कि वारदातों का खुलासा भी हो रहा लेकिन अपराध थम क्यों नहीं रहे हैं, इसका जवाब उनके पास भी नहीं है।