- Home
- /
- राज्य
- /
- उत्तर प्रदेश
- /
- सड़कें - यातायात सब...
सड़कें - यातायात सब होगा चकाचक, यूपी की ट्रैफिक पुलिस अब 'फिट' दिखेगी

न्यूज़क्रेडिट:आजतक
उत्तर प्रदेश के ट्रैफिक को चुस्त-दुरुस्त बनाने के लिए सरकार कई कदम उठाने जा रही है. सबसे पहले सरकार की कोशिश ट्रैफिक पुलिस को फिट बनाने की है, मतलब कि अब से ट्रैफिक पुलिस में जवान, शारीरिक तौर पर सुडौल और फिट लोगों को तरजीह दी जाएगी. वहीं राज्य में ट्रैफिक पुलिस कर्मियों की संख्या भी बहुत ज्यादा बढ़ने वाली है.
बेदाग पुलिस कर्मियों को मिलेगी तवज्जो
डीजीपी ने सिविल पुलिस से ट्रैफिक में आने वाले पुलिस कर्मियों के लिए दिशा-निर्देश जारी किए हैं. इन नए निर्देशों के मुताबिक लंबे और शारीरिक तौर पर फिट पुलिसकर्मियों को ही ट्रैफिक पुलिस में 2 साल के डेपुटेशन पर भेजा जाएगा. इनमें उन पुलिस कर्मियों को तरजीह दी जाएगी, जिनकी उम्र कम होगी, शारीरिक तौर पर फिट होंगे और बीते सालों में नौकरी के दौरान उनके कैरेक्टर रोल में कोई दाग नहीं होगा. अभी तक राज्य में पीएसी के जवानों को ट्रैफिक में पुलिसकर्मी भेजा जाता था, लेकिन अब सिविल पुलिस यानी थाने और चौकियों में तैनात पुलिसकर्मी भी ट्रैफिक पुलिस में भेजे जाएंगे.
इन पुलिस कर्मियों को मिलेगा मौका
डेपुटेशन को लेकर जारी निर्देशों के मुताबिक सिविल पुलिस से ट्रैफिक पुलिस में जाने वाले रिजर्व की उम्र 35 साल से अधिक नहीं होनी चाहिए. वह कम से कम 170 सेंटीमीटर लंबा हो, शारीरिक तौर पर बेडौल ना हो और बीते 2 सालों में उसके कैरेक्टर रोल पर कोई दाग ना लगा हो. ट्रैफिक में आने वाले सिपाही ओवरवेट ना हों, सिपाही शारीरिक व मानसिक तौर पर फिट हो, तभी उन्हें 3 साल के लिए ट्रैफिक पुलिस में तैनात किया जाएगा.
हेड कॉन्स्टेबल के लेवल पर 55 वर्ष की आयु तक के पुलिसकर्मी को सिविल पुलिस से ट्रैफिक पुलिस में भेजा जाएगा. बीते 5 सालों में उनकी सत्य निष्ठा संदिग्ध ना रही हो यानी उनके कैरेक्टर रोल में कोई प्रतिकूल प्रविष्टि ना हो. वह शारीरिक तौर पर स्वस्थ हो और बेडौल ना हों. ऐसे में ट्रैफिक पुलिस में उसकी नियुक्ति 5 साल के लिए होगी, जिसे 2 साल और बढ़ाया जा सकेगा. वहीं 58 की उम्र होते ही हेड कांस्टेबल को उसके मूल कैडर यानी सिविल पुलिस में वापस भेज दिया जाएगा.
सब इंस्पेक्टर लेवल पर ऐसे पुलिस कर्मियों को सिविल से ट्रैफिक में जाने का मौका मिलेगा, जिनकी उम्र 55 वर्ष से अधिक ना हो, 5 सालों में उनके कैरेक्टर रोल पर कोई प्रतिकूल प्रविष्टि ना हो. उनकी तैनाती 5 साल के लिए होगी. ये दिशानिर्देश डीजीपी ऑफिस से सुपरवाइज किए गए हैं.
मशीन से कटेगा चालान
ट्रैफिक पुलिस में एक तरफ जहां यंग कॉन्स्टेबल्स और महिला कॉन्स्टेबल्स को शामिल किया जा रहा है. वहीं अब इपोस मशीन के जरिए भी लोगों का चालान काटा जाएगा. ये चालान सीधे कटेगा और एसबीआई के साथ मिलकर इस पर काम किया जा रहा है. मुख्यमंत्री ने इसके आदेश दे दिए हैं. वहीं हाल में उत्तर प्रदेश सरकार ने एक अभियान चलाकर साढ़े तीन हजार से ज्यादा अवैध टैक्सी स्टैंड हटाए हैं.
ट्रैफिक व्यवस्था को अच्छा करने के लिए सीएम योगी आदित्यनाथ ने बैठक की थी. ट्रैफिक पुलिस को कुल 10,000 होम गार्ड और कॉन्स्टेबल ट्रैफिक को देने पर विचार-विमर्श हुआ है. वहीं ट्रैफिक मैनेजमेंट बेहतर करने के लिए सड़कों के चौड़ीकरण के साथ-साथ लखनऊ से कानपुर की ट्रैफिक व्यवस्था को बेहतर करने के निर्देश दिए गए हैं.