उत्तर प्रदेश

उत्तर प्रदेश में खतरे के निशान से ऊपर बह रही नदियों ने मचाई तबाही

Ritisha Jaiswal
28 Aug 2022 11:59 AM GMT
उत्तर प्रदेश में खतरे के निशान से ऊपर बह रही नदियों ने मचाई तबाही
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सावन के बाद भादों में भी पर्याप्त वर्षा को तरसे उत्तर प्रदेश में नदियां उफान पर हैं

सावन के बाद भादों में भी पर्याप्त वर्षा को तरसे उत्तर प्रदेश में नदियां उफान पर हैं। देश के पर्वतीय क्षेत्रों में लगातार भारी बरसात के कारण गंगा (River Ganga) के साथ यमुना (River Yamuna) और अन्य नदियों के बड़े उफान के कारण बाढ़ का खतरा बढ़ गया है।

प्रयागराज में तो गंगा नदी खतरे के निशान से करीब डेढ़ मीटर ऊपर बह रही है। यमुना का जलस्तर भी इन दिनों लगातार बढ़ता ही जा रहा है। प्रयागराज में गंगा-यमुना वर्ष 2013 की बाढ़ का रिकार्ड तोडऩे की ओर बढऩे लगी हैं। 2013 में दोनों नदियों का जल स्तर 86.06 मीटर पर पहुंच गया था। प्रयागराज में तो बाढ़ से अब तक करीब साढ़े तीन लाख से ज्यादा की आबादी प्रभावित हो गई है। लगभग 42 मोहल्ले और 123 गांव बाढ़ के पानी से घिर गए हैं।
प्रदेश में फतेहपुर-इटावा और बुंदेलखंड में गांव बाढ़ से घिरे हैं। कई जगह पर तो सम्पर्क मार्ग भी बह गए हैं। जिससे लोग गांव तक ही सीमित है। बुंदेलखंड के बांदा में केन, यमुना, चंद्रावल, गडऱा, बागै नदियां उफान पर हैं। 70 गांव पानी से घिर गए हैं। चार गांवों को खाली करा लिया गया है।इटावा में चंबल व यमुना नदी उफान पर हैं। वहीं, फतेहपुर में यमुना का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। इससे तटवर्ती करीब दो दर्जन से अधिक गांवों में बाढ़ का कहर है।
उत्तर प्रदेश में मध्य प्रदेश के साथ ही राजस्थान, हरियाणा और उत्तराखंड से आ रहा जल सैलाब लगातार बढ़ता ही जा रहा है। माना जा रहा है कि यहां पर अभी सोमवार तक 33 लाख क्यूसेक पानी और आएगा।


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