उत्तर प्रदेश

नदी, नाले व तालाब सूखे, कैसे पड़े धान की नर्सरी

Admin Delhi 1
15 Jun 2023 7:33 AM GMT
नदी, नाले व तालाब सूखे, कैसे पड़े धान की नर्सरी
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फैजाबाद न्यूज़: तेज गर्म हवाओं व भयंकर गर्मी ने जहां आम जन जीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है. वहीं किसान बेहाल हैं. भीषण गर्मी के बीच खेत सूखकर खलिहान बन चुके हैं, जमीन पथरीली हो चुकी है. बरसात न होने से किसान अब आसमान की ओर टकटकी लगाए हैं. सिंचाई की व्यवस्था पटरी पर नहीं आ रही है. किसानों को धान की नर्सरी और रोपाई के लिए परेशान होना पड़ेगा. मई माह के अतिम सप्ताह से धान की नर्सरी डालने का काम शुरू हो जाता है लेकिन अभी तक न तो नहरों में सिल्ट की सफाई की गई है, न ही क्षतिग्रस्त नहरों की मरम्मत हो सकी है. अधिकांश नदी, नाले व

तालाब सूख चुके हैं. किसान इस बात को लेकर चिंतित हैं कि धान की नर्सरी कैसे डालेंगे. क्षेत्र की अधिकतर जलाशय पहले ही दम तोड़ चुके हैं.

बीकापुर तहसील क्षेत्र के अधिकांश किसानों के खेतो में पानी की कमी से दरारें आ गई हैं. नहरों की साफ सफाई नहीं होने से किसानों के सामने धान की नर्सरी डालने को लेकर समस्या खड़ी हो गई है. नहरों में पानी नहीं है, राजकीय नलकूप मरम्मत के अभाव में दिखावा साबित हो रहे हैं. किसान धान की नर्सरी डालने के लिए खेतों को तैयार करने में लगे हैं. लेकिन पानी न मिलने से धान की नर्सरी डालने व मक्के, अरबी, ज्वार, लोबिया आदि की फसल बोने तथा गन्नों की सिचाई करने में भी भारी समस्या आना तय है. सागौन, खम्हार, बीजा, महुआ, शीशम इत्यादि पौधों के बीज बोने में दिक्कतें हो रही है.

इंसान ही नहीं भीषण गर्मी से पशु-पक्षी भी बेचैनबीकापुर में इन दिनों पड़ रही भीषण गर्मी से इंसान व पशु, पक्षी सभी बेहाल हैं. सुबह नौ बजे से ही सूरज आग उगलने लगता है. रही-सही कसर गर्म हवा के थपेड़े पूरी कर दे रहे हैं. इंसान ही नहीं भीषण गर्मी से पशु-पक्षी भी बेहाल नजर आ रहे हैं.

खुद बूंद-बूंद को तरस रही तमसा व बिसुही नदी

सिंचाई सुविधा को सशक्त बनाने के लिए तमसा व बिसुही नदी पर करोड़ों रुपये खर्च करने के बावजूद खुद बूंद-बूंद को तरस रही है

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