उत्तर प्रदेश

खुलासा: फिर खुला दवाओं की सप्लाई में गोलमाल का खेल

Admindelhi1
22 Feb 2024 7:29 AM GMT
खुलासा: फिर खुला दवाओं की सप्लाई में गोलमाल का खेल
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फैजाबाद: गलत कार्य कितनी भी कुशलता से किया जाय. लेकिन कहीं न कहीं वह अपने पीछे सुराग छोड़ ही जाता है. ऐसा ही कुछ मामला सरकारी चिकित्सालय में सप्लाई होने वाली दवा को लेकर सामने आया. कुछ दिन पहले जिला चिकित्सालय में मरीजों को दी जाने वाली मेट्रोनिडाजोल टैबनेट में दस की स्ट्रिप में तीन दवा कम मिलती पाई गई थी.

केवल एक स्ट्रिप में टैबलेट कम होने का दावा करते हुए प्रमुख अधीक्षक ने मामले को दबाने का प्रयास किया था. अब एक बार फिर से ओमेगा फार्मा की सरकारी सप्लाई की गई डाक्सीसाइक्लिन कैप्सूल में दस की स्ट्रिप में एक कैप्सूल कम मिली.

तीन को जिला चिकित्सालय में मरीजों को दी जाने वाले मेट्रोनिडाजोल टैबलेट की स्ट्रिप में दस की जगह सात की पैकिंग का मामला सामने आया. को जाने वाली दवा की पड़ताल करने पहुंची थी. यहां कुछ मरीज स्ट्रिप कम दवा होने की शिकायत कर रहे थे. ऐसी एक स्ट्रिप मामले को जब प्रमुख अधीक्षक डा. एनपी गुप्ता के सामने रखा गया तो उन्होंने जांच बिठाई. कुछ ही मिनटों में जांच के बाद केवल एक ही स्ट्रिप में कम दवा होने की बात कहते हुए मामले की पूरी तरह से लीपापोती कर दी थी. इसके बाद मरीजों को पूरे पैकिंग की दवा भी मिलने लगी. एक अन्य सरकारी दवा में इस तरह का मामला सामने आया. इस बार दवा डाक्सीसाइक्लिन कैप्सूल में दस की स्ट्रिप में एक कैप्सूल कम था. जानकारों का कहना है कि दवा की पैकिंग मशीन करती है.

आजकल अत्याधुनिक मशीनों के माध्यम से इसकी पैकिंग की जाती है. जितनी फीडिंग उतनी कैप्सूल की भरन पत्ते में मशीन कर देती है. इसलिए इसमें इस तरह की गलती होने की सम्भावना काफी कम रहती है. अगर इस तरह के मामले सामने आ रहे है. तो यह भ्रष्टाचार का बड़ा मामला हो सकता है. क्योंकि कारपोरेशन दवा की सप्लाई करता है. कई जगह इसकी सैम्पलिंग भी होती है. इसके बाद भी अगर कम पैकिंग की दवा सामने आये तो यह जांच का विषय है.

स्वास्थ्य विभाग से सेवानिवृत्त रामशकल दूबे ने बताया कि चालीस साल की नौकरी में कभी भी किसी दवा में कम पैकिंग का मामला सामने नहीं आया. अगर किसी स्ट्रिप में कम दवा की पैकिंग हो रही है.

तो मामला काफी गम्भीर है. इसकी वृहद स्तर पर जांच होनी चाहिए. जिला चिकित्सालय के प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक डा. एनपी गुप्ता ने बताया कि अगर इस तरह की कोई पैकिंग आयी है. तो इसकी वृहद स्तर पर जांच करायी जाएगी.

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