उत्तर प्रदेश

रिटायर्ड प्रिंसिपल के माथे पर तिलक देख ISIS के आतंकियों ने मार दी थी गोली, कौन थे रमेश बाबू शुक्ला?

SANTOSI TANDI
15 Sep 2023 7:13 AM GMT
रिटायर्ड प्रिंसिपल के माथे पर तिलक देख ISIS के आतंकियों ने मार दी थी गोली, कौन थे रमेश बाबू शुक्ला?
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कौन थे रमेश बाबू शुक्ला?
उत्तर प्रदेश :साल 2016 में 24 अक्टूबर की वह काली शाम, जिसे शायद ही कानपुर को कई व्यक्ति भूल पाए. यह वही शाम थी, जिसमें रिटायर्ड शिक्षक रमेश बाबू शुक्ला को आतंकियों ने दिन दहाड़े गोली मार दी थी. आतंकियों ने यह वारदात इसलिए अंजाम दिया था कि शिक्षक रमेश बाबू शुक्ला माथे पर तिलक लगाए आतंकियों के सामने आ गए थे. इस वारदात को कानपुर के आपराधिक रिकार्ड में पहला ‘टेस्ट मर्डर’ कहा गया है, जिसमें ISIS के आतंकी सीधे तौर पर शामिल हुए थे. सात साल पहले हुए इस वारदात में अब दोनों हत्यारोपियों को फांसी की सजा सुनाई गई है.
कांलूर का विष्णुपुरी में रहने वाले शिक्षक रमेश बाबू के बेटे अक्षय कहते हैं कि उनके पिता सरकारी नौकरी से रिटायर हो चुके थे. बावजूद इसके वह कॉलेज में बच्चों को पढ़ाने के लिए जाते थे. वारदात के दिन भी वह कॉलेज से ही लौट रहे थे. रास्ते में आतंकियों ने माथे पर तिलक देखकर पहले उन्हें रोका और ताबड़तोड़ गोलियां बरासते हुए उनकी हत्या कर दी. अक्षय के मुताबिक पुलिस ने उसी समय अज्ञात के खिलाफ केस तो दर्ज कर लिया था, लेकिन छह महीने तक पुलिस आरोपियों का सुराग तक नहीं जुटा सकी थी. ऐसे में मामला ब्लाइंड मर्डर मिस्ट्री बन गया था.
संयोग से अगले साल 7 मार्च 2017 को यूपी एटीएस ने कानपुर के काकोरी रोड स्थित एक घर में छिपे ISIS के आतंकी सैफुल्लाह का एनकाउंटर किया था. एटीएस को इनपुट मिला था कि सैफुल्लाह ने ही उज्जैन ट्रेन ब्लास्ट को अंजाम दिया था.इस एनकाउंटर के बाद पुलिस को इस घर से भारी मात्रा में हथियार, गोला बारूद के अलावा ISIS से संबंधित आपत्तिजनक सामग्री बरामद हुई थी. इसमें वह पिस्टल भी था, जिससे शिक्षक रमेश बाबू शुक्ला की हत्या हुई थी.
NIA ने किया था गिरफ्तार
इसके बाद मामले की जांच में NIA भी शामिल हो गई और फिर NIA ने ही कानपुर के चकेरी से फैसल और आतिफ नाम के लड़कों को गिरफ्तार किया था. एनआईए और एटीएस ने इन दोनों से पूछताछ की तो पता चला कि शिक्षक रमेश बाबू शुक्ला की हत्या आईएसआईएस द्वारा कराई गई है और यह टेस्ट मर्डर था. दरअसल आईएसआईएस ने कानपुर में पैर जमाने के मकसद से इस वारदात को अंजाम दिया था. इस आतंकी संगठन ने फैसल को टारगेट दिया था कि इसकी शुरुआत ऐसे व्यक्ति की हत्या से हो, जो प्रतिष्ठित हो और माथे पर तिलक के साथ हाथों पर कलावा बांधता हो.
फैसल और आतिफ ने एनआईए की पूछताछ में बताया था कि इस वारदात का उन दोनों ने वीडियो भी बनाया और फिर इस वीडियो को सीरिया में बैठे अपने हैंडलर को भेजा था. वीडियो देखने के बाद हैंडलर ने टेस्ट मर्डर कंप्लीट बताया था. इसके बाद उन दोनों ने लखनऊ में बम प्लांट करने की कोशिश की थी. आरोपियों ने पुलिस की पूछताछ में बताया था कि वह कानपुर में ही गंगा किनारे हैंडलर की ओर से भेजे गए वीडियो को देखकर पिस्टल चलाने का अभ्यास करते थे.
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