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मेरठ न्यूज़: नायरा के पेट्रोल पंपों पर पड़े एसटीएफ के छापे में पांच लोग गिरफ्तार कर जेल भेजे जा चुके हैं और कुछ लोग फरार बताये जा रहे हैं। इन फरार लोगों में एक रिटायर्ड डीआईजी महेश मिश्रा का बेटा सुशांत मिश्रा भी है। इस पर पंप में मिलावट और मशीनों में छेड़छाड़ का आरोप लगाया गया है। एसटीएफ के एएसपी ब्रजेश सिंह के नेतृत्व में मेरठ के अलावा हापुड़ और बागपत स्थित नायरा के पेट्रोल पंपों पर छापेमारी की गई थी। इसमें 11 पंपों में गड़बड़ी मिली थी। इसमें सतेन्द्र उर्फ देवेन्द्र कुमार पुत्र हरपाल सिंह निवासी ग्राम लाक थाना कोतवाली, शामली हाल निवासी ड्रीम सिटी, कंकरखेड़ा, ऐश्वर्य गुप्ता पुत्र लोकेश गुप्ता निवासी टीपी नगर, विरेन्द्र त्रिपाठी (विक्रय अधिकारी नायरा (कम्पनी), पेट्रोल पम्प मालिक अवनीश गोयल, पेट्रोल पम्प मालिक/मैनेजर राकेश गुप्ता निवासी विकास बिहार मोहनपुरी, रविन्द्र पुत्र सुधीर पुत्र जोनपाल निवासी ग्राम रठोडा को गिरफ्तार किया गया था।
इसके अलावा हस्तिनापुर थाने में नायरा कंपनी के अधिकारी सुशांत मिश्रा के खिलाफ भी मुकदमा दर्ज किया गया है। एसटीएफ को जांच में पता चला है कि सुशांत मिश्रा की देखरेख में पंप में गड़बड़ी चल रही थी। हस्तिनापुर थाने में एक मुकदमा अपराध संख्या 221/2022 दर्ज भी हुआ है। एसटीएफ के एएसपी ब्रजेश सिंह ने बताया कि पेट्रोल पंप में हुई गड़बड़ी में सुशांत मिश्रा का नाम सामने आया है और फिलहाल वो फरार चल रहा है। हस्तिनापुर पुलिस उसे गिरफ्तार करेगी। गौरतलब है कि एसटीएफ को जिले में नौ नायरा पेट्रोल पंपों पर उपभोक्ताओं के साथ लूट-खसोट करने की शिकायत मिल रही थी। जिला पूर्ति विभाग, बाट-मापतौल व प्रशासन की टीम ने नायरा पेट्रोल पंपों पर गुरुवार देर रात तक छापेमारी की थी। रात में ही चार पंपों सैनी रॉयल फिलिंग स्टेशन, मवाना के सिद्धबली फिलिंग स्टेशन, परतापुर फिलिंग स्टेशन व माधवपुरम फिलिंग स्टेशन पर कार्रवाई की गई थी।
शुक्रवार को इन चारों पंपों की जांच रिपोर्ट आई जिनमें इन चारों पंपों पर लगे घटतौली, मशीनों के साथ छेड़छाड़ व मिलावटी तेल बेचने के आरोप सही पाए गए थे। रिटायर्ड डीआईजी के बेटे का नाम सामने आने से थाना पुलिस से लेकर तमाम अधिकारी भी टिप्पणी करने से बचते रहे, लेकिन दबी जुबान से अधिकारियों ने माना कि सुशांत मिश्रा की तलाश पुलिस कर रही है।