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लखनऊ न्यूज़: हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने पशुपालन विभाग में टेंडर दिलाने के नाम पर इंदौर के व्यापारी मंजीत सिंह भाटिया से करोड़ों की ठगी करने में अभियुक्त रिटायर डीआईजी अरविन्द सेन की जमानत याचिका मंजूर कर ली है. न्यायालय ने पीड़ित व्यापारी को 20 लाख का ड्राफ्ट देने के बाद जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया है. एसटीएफ की जांच के बाद इस मामले में हजरतगंज कोतवाली में एफआईआर दर्ज हुई थी.
य् ाह आदेश न्यायमूर्ति दिनेश कुमार सिंह की एकल पीठ ने अरविन्द सेन की जमानत याचिका पर पारित किया. अरविन्द सेन के अधिवक्ता ने दलील दी कि मामले में नौ करोड़ 72 लाख 12 हजार रुपए की ठगी का आरोप है. इसमें अभियुक्त अरविन्द सेन के खाते में 10 लाख जमा हुये थे. आरोप है कि अभियुक्त ने वादी के साथ ठगी में दूसरे अभियुक्तों का पूरा साथ दिया था, जिस समय वारदात को अंजाम दिया गया अभियुक्त मुख्यमंत्री के साथ ड्यूटी पर था. कहा गया कि अभियुक्त 27 जनवरी 2021 से ही जेल में है. वहीं न्यायालय ने 17 अप्रैल को ही सुनवाई के दौरान अभियुक्त के अधिवक्ता को 20 लाख रुपये का बैंक ड्राफ्ट लाने का निर्देश दिया था. यह ड्राफ्ट उनके द्वारा लाया गया जो कोर्ट में ही व कोर्ट में ही वादी के अधिवक्ता को उक्त बीस लाख रुपये का ड्राफ्ट दे दिया गया.
आरोपियों ने नौ करोड़ रुपये से ज्यादा व्यापारी से ठगे थे: इंदौर के व्यापारी मंजीत सिंह भाटिया ने हजरतगंज थाने रिपोर्ट दर्ज कराई थी. आरोप है कि इस सप्लाई के कार्य के लिए अभियुक्तों ने वादी से कुल नौ करोड़ 72 लाख 12 हजार रुपए लिए लेकिन जब वादी ने ऑन लाइन टेंडर की स्थिति देखी तो पता चला कि उसे टेंडर नही मिला है और अभियुक्तों ने उसके साथ धोखाधड़ी कर दी है. मामले में पूर्व डीआईजी अरविन्द सेन की भी भूमिका सामने आई. पशुधन मंत्री के निजी सचिव रजनीश दीक्षित, सचिव धीरज देव, रूपक, सिपाही दिल बहार यादव, राजीव पाठक समेत कई और लोग भी जेल गये थे.