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बड़ी खबर
गाजियाबाद। यूपी का एकमात्र कैलाश मानसरोवर भवन अब होटल की तरह प्रयुक्त होगा। लोगों को बाकायदा किराए पर रूम मिलेंगे और वे होटलों की तरह यहां पर रह सकेंगे। उप्र सरकार जल्द इस बिल्डिंग को धर्मार्थ कार्य विभाग से लेकर गाजियाबाद विकास प्राधिकरण (GDA) को हैंडओवर करने वाली है। GDA ये बिल्डिंग किसी प्राइवेट कंपनी को देगी, ताकि वो इसे पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप पर चला सके। ये सारा काम अगले एक हफ्ते में हो जाएगा। ऐसा करने के पीछे सरकार की मंशा करोड़ों की बिल्डिंग के रखरखाव की है। साल-2020 में जब कैलाश मानसरोवर भवन शुरू हुआ, उसके कुछ महीने बाद ही कोरोना महामारी फैल गई। एक साल इस यात्रा पर प्रतिबंध रहा। इस साल से यात्रा 8 जून से शुरू होकर 8 सितंबर तक चली। यानि पूरे साल में इस भवन का उपयोग सिर्फ चार महीने हुआ। बाकी के आठ महीने ये वीरान पड़ा रहा। बिल्डिंग खाली रहने से उसका रखरखाव नहीं हो पाया। इसे देखते हुए उत्तर प्रदेश सरकार ने बिल्डिंग की सुविधाएं आम लोगों को भी देखने का फैसला लिया।
गाजियाबाद विकास प्राधिकरण ने जो प्रस्ताव तैयार किया है, उसके मुताबिक, यहां लोगों को तकरीबन 200 रुपए प्रति व्यक्ति कमरा मिल सकेगा और तकरीबन इतने ही रुपए में ब्रेकफास्ट, लंच, डिनर मिलेगा। हालांकि रेट पर अभी फाइनल मुहर नहीं लग पाई है। अखिलेश सरकार में गाजियाबाद में हिंडन नदी किनारे हज हाउस बनाया गया। इसी तर्ज पर योगी सरकार ने गाजियाबाद के इंदिरापुरम क्षेत्र स्थित शक्ति खंड-4 में कैलाश मानसरोवर भवन बनवाया। 31 अगस्त 2017 को सीएम योगी आदित्यनाथ ने इसका शिलान्यास किया था। एक मई 2018 को निर्माण शुरू हुआ और 31 जुलाई 2020 को ये भवन बनकर तैयार हो गया। इस भवन को बनाने का मकसद था कि कैलाश मानसरोवर, चार धाम और कांवड़ यात्रा पर जाने वाले तीर्थयात्री यहां ठहर सकें। इसलिए दिल्ली के सबसे नजदीक ये भवन बनाया गया था। 14869 वर्गमीटर जमीन पर बने कैलाश मानसरोवर भवन में बेसमेंट के अलावा तीन मंजिल हैं। इसमें 4 बेड वाले 46 और डबल बेड वाले 48 कमरे हैं। भवन में एक बार में करीब 280 लोग ठहर सकते हैं। बेसमेंट में 85 गाड़ियों की पार्किंग है। रिसेप्शन, लॉबी, किचन, डाइनिंग रूम, आईटीबीपी रूम, एडमिन ऑफिस, अकाउंट ऑफिस, मेडिकल रूम, सेमिनार हॉल और स्टोर रूम बने हैं। सबसे टॉप फ्लोर पर मेडिटेशन के लिए स्पेशल हॉल है।
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