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- 16 साल बाद केस से हुए...
वाराणसी न्यूज़: राष्ट्रीय लोक अदालत में जिले में 37093 वादों का निस्तारण किया गया. इनमें 16 और 14 साल पुराने दो मामले महज गाली-गलौज थे. सीजेएम अश्वनी कुमार की कोर्ट ने दोनों मामले में सुलह-समझौता होने पर आरोपितों को बरी कर दिया.
इसमें एक मामला 2014 में कैंट की सुगना देवी ने सुभाष चंद्र के खिलाफ दर्ज कराया था. बाद में मनमुटाव दूर होने पर मुकदमा खत्म करने की कोर्ट से गुहार लगाई थी. वहीं कैंट थाने में ही 2016 में दर्ज मारपीट और गलीगलौज के दूसरे मामले में वादी राजकुमार के मुकदमा वापस लेने पर जज ने आरोपित बद्री प्रसाद को बरी कर दिया. इस दौरान 23 करोड़ 63 लाख 94 हजार रुपये की वसूली की गई.
इस दौरान फौजदारी व दीवानी के कुल 7956 वादों निपटाये गए. जिसमें दीवानी के 122 वाद, पारिवारिक वाद 60, मोटर दुर्घटना क्षतिपूर्ति के 16 वाद रहे. बीमा कंपनी की ओर से पीड़ितों को 84 लाख 68 हजार रुपये दिलाये गए. वहीं, फौजदारी के 7588 मामलों में 92 लाख 13 हजार 104 रुपये की वसूली की गई. एनआई एक्ट के 54 वाद, बैंकों व कम्यूनिकेशन प्रीलिटिगेशन स्तर के 3664 मामले खत्म किये गए. इससे 9 करोड़ 95 लाख 75 हजार 610 रुपये की वसूली हुई. अन्य विभागों की ओर से 25 हजार 339 वादों का निस्तारण किया गया, जिसमें 7 करोड़ 15 लाख 54 हजार 920 रुपये की वसूली हुई. श्रम विभाग ने 06 वाद निस्तारित किए.
लोक अदालत सबके हित में जिला जज
जिला जज डॉ. अजय कृष्ण विश्वेश ने राष्ट्रीय लोक अदालत का शुभारंभ करते हुए कहा कि यह सबके हित में है. प्रधान न्यायाधीश (परिवार न्यायालय) अरविंद कुमार श्रीवास्तव ने कहा इससे लोगों को तुरंत न्याय मिल जाता है. जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सचिव प्रमोद कुमार गिरि ने कहा कि इसबार कई साल पुराने मामले में लोगों को राहत मिली.