उत्तर प्रदेश

रेलिया बैरन गीत, मातृशक्ति के साहस की अभिव्यक्ति है : मालिनी

Shantanu Roy
13 Dec 2022 11:35 AM GMT
रेलिया बैरन गीत, मातृशक्ति के साहस की अभिव्यक्ति है : मालिनी
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लखनऊ। सुप्रसिद्ध लोकगायिका मालिनी अवस्थी का नया गाना रेलिया बैरन सोमवार को राजधानी के एक होटल में लॉन्च किया गया। ये गीत सरेगामा हम भोजपुरी के यूट्यूब चैनल पर उपलब्ध होगा। सचिन कुमार ने इस पारंपरिक गीत को अपने सुमधुर संगीत से सजाया है। इस दौरान पत्रकारों को संबोधित करते हुए मालिनी अवस्थी ने बताया कि विस्थापन पूरब की त्रासदी रही है। एक बेहतर जिंदगी की तलाश में हर रोज, अपना गांव घर परिवार छोड़कर रेलगाड़ी में बैठ कर न जाने कितने ही युवा अपने सपने पूरा करने परदेस जा बसते हैं। पीछे रह जाती है प्रियतम का इंतजार करती दो जोड़ी तरसती आंखें। प्रतीक्षा के लंबे समय को आंसुओं में नही, मनोभावों में गूंथकर गाकर व्यक्त करने की कला हमारी पूर्वजों में थी, जिन्होंने लोकगीतों के जरिए एक दूसरे से अपना दुख सुख गा कर साझा किया।
यह वह रेल बैरन है जो पिया को ले कर चली गई। उन्होंने कहा कि इस गीत की आत्मा आज भी उतनी ही पवित्र है। आज इसे फिर से दुनिया के सामने प्रस्तुत करने की अवश्यकता इसलिए पड़ी क्यूंकि आज भी विस्थापन यानी माइग्रेशन जारी है। हर रोज कोई न कोई प्रवासी नौकरी की तलाश में परिवार को छोड़ देश और विदेश जा रहा। रेलिया बैरन हमारे भारत की मातृशक्ति की त्याग और साहस की अभिव्यक्ति है। यह गीत ऐसी समस्त मातृशक्तियों को समर्पित है। मालिनी बताती हैं कि मुझे गर्व है कि मैं एक लोककलाकर हूं। लोकजीवन की पीड़ा, दुख, खुशी, उल्लास को शामिल होना, उसे बांटना और व्यक्त करना हम लोक कलाकारों का दायित्व भी है। माटी से इसी भावनात्मक जुड़ाव और पुरखों की सांस्कृतिक विरासत लोकगीतों के चलते मातृभूमि उत्तर प्रदेश और बिहार के साथ ही देश विदेश में मुझे लोगों अपार स्नेह और प्यार मिला है।
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