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लखनऊ न्यूज़: ग्रामीणों की सेहत सुधारने के लिए अस्पताल खुलेंगे. जिलों में मेडिकल कॉलेज खुलेंगे. इससे बड़े शहरों के अस्पतालों में मरीजों का दबाव कम होगा. घर के पास मरीजों को इलाज मिलने की राह आसान होगी. नई दवाओं की खोज भी होगी. इसके लिए इंस्टीट्यूट ऑफ फार्मासिस्यूटिकल रिसर्च एंड डवलपमेंट खोला जाएगा.
योगी सरकार ने बजट में स्वास्थ्य सुविधाओं को रफ्तार देने में कोई कसर नहीं छोड़ी है. लगभग 6 लाख 90 हजार रुपए के बजट का प्रावधान किया है. जो पिछले बजट आकार से करीब 12.19 फीसदी अधिक है. मेरे हिसाब से शहरी व ग्रामीण क्षेत्र पर सरकार ने बराबर फोकस किया है. असाध्य बीमारी से पीड़ितों को मुफ्त इलाज के लिए 100 करोड़ रुपये प्रस्तावित किए गए हैं. इसमें गुर्दा, कैंसर समेत दूसरी गंभीर बीमारियों को मुफ्त इलाज मिलेगा. आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के लिए बजट में 400 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित की गई है. मरीज मनचाहे सरकारी व प्राइवेट अस्पताल में पांच लाख रुपये तक का मुफ्त इलाज हासिल कर सकेंगे.
प्रदेश में डॉक्टरों की कमी दूर करने के लिए चिकित्सा शिक्षा विभाग प्रत्येक जिले में मेडिकल कॉलेज खोल रहा है. बजट में चिकित्सा के क्षेत्र में स्टार्टअप्स को प्रोत्साहित करने हेतु भी प्रावधान किए गए हैं. चिकित्सा सेवाओं पर किए गए ये प्रावधान प्रदेश को स्वास्थ्य की दृष्टि से अग्रणी बनाएंगे.
( प्रो भारती श्री. जय नारायन मिश्रा पीजी कॉलेज अर्थशास्त्रत्त् विभाग के विभागाध्यक्ष हैं )