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डॉक्टरों के नाम पर कई- कई स्वास्थ्य इकाइयों के पंजीकरण, होगी कार्रवाई
आगरा न्यूज़: स्वास्थ्य विभाग ने सत्र 2023-24 के लिए 154 अस्पतालों, पैथोलाजी लैब, रेडियो डायग्नोस्टिक सेंटरों के लाइसेंस नवीनीकरण पर रोक लगा दी है. एक डॉक्टर के नाम पर अधिक स्वास्थ्य इकाइयों का मामला पकड़ में आने के बाद यह कार्रवाई की गई है. सभी को सत्यापित अभिलेख पेश करने के लिए सात दिनों का समय दिया गया है.
विभाग ने नए सत्र के नवीनीकरण के लिए स्वास्थ्य इकाइयों के ऑनलाइन आवेदन मांगे थे. कुल 1269 इकाइयों ने आवेदन किए. इनमें 15 डॉक्टरों के नाम पर 449 अस्पतालों के साथ अन्य इकाइयां पंजीकृत पाई गईं. इकाइयां आगरा के अलावा फिरोजाबाद, मथुरा, अलीगढ़, हाथरस, मैनपुरी, इटावा, कानपुर, मेरठ में भी पाई गईं. सभी में समान डॉक्टरों के नाम प्रभारी चिकित्सक के रूप में लगाए गए थे. यानि यह डॉक्टर इकाइयों में नियमित पूर्णकालिक सेवाएं देते हैं. जबकि नियमों के मुताबिक एक इकाई में सिर्फ एक ही पूर्णकालिक डॉक्टर सेवाएं दे सकता है.
पहले भी ऐसे कई मामले पकड़ में आए हैं, लेकिन सभी में विभाग और डॉक्टरों की मिलीभगत के बाद फाइलें बंद कर दी गईं हैं. अब नया मामला सामने आया है. विभाग ने 711 इकाइयों के आवेदनों को स्वीकार कर लिया है. जबकि 154 इकाइयों के लाइसेंस नवीनीकरण को रोक दिया है. इनसे सत्यापित काजगात मांगे गए हैं. अन्यथा की स्थिति में सभी के लाइसेंस निरस्त किए जा सकते हैं.
आठ डाक्टरों के एक से ज्यादा अस्पताल!
एक से अधिक अस्पताल, लैब चलाने वालों में आगरा के आठ डाक्टरों के नाम सामने आए हैं. इनके नाम पर दो से पांच अस्पताल पाए गए है. स्वास्थ्य विभाग ने सभी को नोटिस भेजे हैं. हालांकि अधिकतर मामले पुराने हैं. कई डाक्टर पहले ही अपने शपथ-पत्र देकर क्लीन चिट पा चुके हैं.
पैथोलाजी चला सकते हैं, पर अस्पताल नहीं
नियमों के मुताबिक डाक्टरों के नाम पर एक से अधिक पैथोलाजी, रेडियो डायग्नोस्टिक सेंटर चलाए जा सकते हैं. लेकिन सभी पर डाक्टर का समय तय होना चाहिए. ज्यादातर काम तकनीशियनों का होता है. जांच की रिपोर्ट का अध्ययन कर डाक्टर दस्तखत करते हैं. अब डिजीटल साइन भी होने लगे हैं. सीएमओ डॉ. अरुण श्रीवास्तव ने बताया कि ज्यादातर मामले पुराने हैं. कुछ और शिकायतों के चलते हमने पुराना रिकार्ड भी निकाला है जिसमें 15 डाक्टरों के नाम हैं. इनमें से आगरा के सिर्फ आठ हैं. उनमें भी कइयों ने पिछले साल ही शपथ पत्र दाखिल कर दिए हैं. शेष को नोटिस भेज दिए हैं.
इन अस्पतालों में भी डाक्टरों के नाम, अन्य मानकों की कमी, अधूरे कागजात आदि सामने आए हैं. इसलिए संबंधित अस्पतालों का नवीनीकरण फिलहाल रोक दिया है. सात दिनों के अंदर सभी से पूर्ण कागजात और प्रमाण मांगे गए हैं.
डा. अरुण श्रीवास्तव, सीएमओ.
इससे पूर्व हुई जांच में भी कई बार नामी डॉक्टरों के नाम सामने आए हैं. इनके नाम पर कई इकाइयां चलाई जा रही थीं. पहले भी ऐसे 19 डॉक्टरों के नाम सामने आए थे. विभाग ने सभी को नोटिस जारी किए थे. कुछेक ने खुद को पाक-साफ बताकर पल्ला झाड़ लिया था. इसके बाद विभाग ने भी डॉक्टर या संचालक के खिलाफ कुछ भी नहीं किया.