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उत्तर प्रदेश
कुलपति को हटाने को लेकर, डीडीयू के प्रोफेसर कमलेश कुमार ने दी शरीर त्याग देने की धमकी, जानें पूरा मामला
Renuka Sahu
24 Jan 2022 5:28 AM GMT
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फाइल फोटो
डीडीयू के कुलपति प्रो. राजेश सिंह को पद से हटाने और उनके कार्यकाल में हुए आय-व्यय की जांच की मांग को लेकर सत्याग्रह कर रहे हिन्दी विभाग के आचार्य प्रो. कमलेश कुमार गुप्त ने अपने ऐलान से हलचल मचा दी है।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। डीडीयू के कुलपति प्रो. राजेश सिंह को पद से हटाने और उनके कार्यकाल में हुए आय-व्यय की जांच की मांग को लेकर सत्याग्रह कर रहे हिन्दी विभाग के आचार्य प्रो. कमलेश कुमार गुप्त ने अपने ऐलान से हलचल मचा दी है। फेसबुक पोस्ट के जरिए उन्होंने कहा है कि यदि कुलपति को नहीं हटाया गया तो 5 फरवरी को वह अपना शरीर त्याग देंगे। इसके साथ ही उन्होंने महीने भर से चल रहा सत्याग्रह स्थगित कर दिया है। इस सम्बंध में कुलपति प्रो. राजेश सिंह से संपर्क करने का प्रयास किया गया लेकिन फोन नहीं उठने के कारण उनका पक्ष नहीं मिल सका।
फेसबुक पर उन्होंने अपने पोस्ट की शुरुआत नेताजी सुभाष चन्द्र बोस की जयंती पर उन्हें नमन करते हुए की है। लिखा है, मेरे सत्याग्रह का एक महीने से ज्यादा समय पूरा हो चुका है। अगर बसंत पंचमी (5 फरवरी) के पूर्व प्रो. राजेश सिंह को उनके पद से नहीं हटाया जाता है, तो वह बसंत पंचमी के दिन अपराह्न 2:30 बजे अपने विश्वविद्यालय के प्रशासनिक भवन परिसर में स्थित दीनदयाल उपाध्याय की प्रतिमा के समक्ष यौगिक प्रक्रिया से अपना शरीर त्याग दूंगे। मेरे सत्याग्रह का यह चरण तब तक के लिए स्थगित रहेगा। प्रो. कमलेश ने लिखा है, लोकतंत्र में जब किसी महत्वपूर्ण पद पर बैठा हुआ कोई व्यक्ति सारी व्यवस्था को चुनौती देता हुआ नियम-कानून का खुला उल्लंघन कर रहा हो और व्यवस्था लाचार हो गई हो तो शिक्षक का धर्म होता है उसे ठीक करना। हम व्यवस्था को ठीक से काम करने के लिए जिम्मेदारी का निर्वाह करने के लिए प्रेरित करना चाहते हैं।
मेरी शिकायतें गलत तो मुझे मिले सजा
बकौल प्रो. कमलेश, प्रो. राजेश सिंह के विरुद्ध शपथ पत्र और साक्ष्यों के साथ शिकायतें की हैं। अगर शिकायतें गलत हों तो उन्हें और सही हों तो प्रोफेसर राजेश सिंह को सजा मिलनी चाहिए। प्रो. राजेश सिंह के कुलपति पद पर रहते हुए उनके विरुद्ध निष्पक्ष जांच संभव नहीं है। प्रोफेसर का आरोप है कि कुलाधिपति सचिवालय शासनादेश का उल्लंघन करते हुए प्रो. राजेश सिंह को संरक्षण दे रहा है। उनके सभी शिक्षक मित्र, शिष्य और शुभेच्छु कार्रवाई न होने से गहरे तनाव में हैं।
मित्रों, शिष्यों से की धैर्य की अपील
प्रो. कमलेश ने लिखा है, विश्वविद्यालय को बचाने की कामना करने वाले सभी जन से, विशेषकर युवा मित्रों और अपने प्रिय शिष्यों से धैर्य और शांति बनाए रखने की अपील करता हूं। व्यक्ति, समूह, संगठन और संस्था के रूप में आप द्वारा मिले समर्थन, सहयोग और सुझावों के लिए मैं आभारी हूं।
यह है पूरा मामला
प्रो. कमलेश गुप्त ने कुलपति प्रो. राजेश सिंह पर कई गंभीर आरोप लगाते हुए राजभवन से शिकायत की थी। राजभवन सचिवालय से जांच कुलपति को ही सौंप दी गई। इसके विरोध में प्रो. कमलेश ने 21 दिसम्बर को उन्होंने सत्याग्रह शुरू कर दिया था। सत्याग्रह के पहले दिन ही विवि प्रशासन ने उन्हें अलग-अलग आरोपों में निलंबित कर दिया। उसी दिन प्रो. कमलेश के समर्थन में पहुंचे सात अन्य प्रोफेसरों को भी कारण बताओ नोटिस जारी किया था। 25 दिसम्बर को कुलाधिपति के विशेष कार्याधिकारी डॉ. पंकज एल जानी गोरखपुर आए थे। यहां से रिपोर्ट तैयार कर राजभवन ले गए थे।
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