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विरोध में अंतिम संस्कार से इनकार, एसडीएम और सीओ ने समझाया
इलाहाबाद न्यूज़: इलाके के ईश्वरी का पुरवा कुंभी आइमा में शाम गोली मारकर की गई सत्यप्रकाश सिंह की हत्या में एक दरोगा की भूमिका को लेकर ग्रामीण आक्रोशित हो उठे. पोस्टमार्टम के बाद शव शाम को घर पहुंचा तो लोगों ने अंतिम संस्कार करने से इनकार कर दिया. मौके पर पहुंचे एसडीएम व सीओ ने जांच कराकर दरोगा के खिलाफ कार्रवाई का आश्वासन देकर परिजनों को राजी किया. इसके बाद लोग अंतिम संस्कार के लिए शव ले गए.
उक्त गांव निवासी सत्यप्रकाश सिंह उर्फ बब्लू (45) अपने भतीजे की शादी में घर आया था. शाम मायन के बाद खाने का कार्यक्रम चल रहा था. तभी गांव के ही रहने वाले उसके मौसेरे भाई ने लेन देन के विवाद में गोली मारकर उसकी हत्या कर दी. मामले में मृतक बब्लू के भाई जयप्रकाश सिंह ने मौसेरे भाई ओमप्रकाश सिंह पुराने, विनोद सिंह और ओमप्रकाश की भाभी रंगीता के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई. आरोप लगाया कि तिलक में चढ़े रुपये में हिस्सा न देने पर ओमप्रकाश ने अपनी भाभी रंजीता की शह पर गोली मारकर हत्या कर दी और विनोद सिंह की बाइक पर बैठकर भाग निकला. पुलिस ने आरोपितों की तलाश की लेकिन सभी फरार हो गए थे. पोस्टमार्टम के बाद बब्लू का शव शाम घर पहुंचा तो परिजन थाने के दरोगा संतोष यादव को हत्या के लिए जिम्मेदार बताते हुए मौके पर बुलाने की मांग करते हुए अंतिम संस्कार से इनकार कर दिया.
आरोप लगाया कि ह त्यारोपित ओमप्रकाश ने बब्लू (मृतक) पर हमले का आरोप लगाते हुए दस दिन पहले थाने में तहरीर दी थी. दरोगा सं तोष यादव ने समझौता कराया. बब्लू से दस हजार रुपये खुद लिए और 5 हजार ओमप्रकाश सिंह को देने के लिए कहा था. इसी को लेकर बब्लू की हत्या कर दी गई. मौके पर पहुंचे एसडीएम उदयराज, सीओ रामसूरत सोनकर ने दरोगा की जांच कराकर कार्रवाई का आश्वासन देकर लोगों को अंतिम संस्कार के लिए राजी किया. इसके बाद लोग शव लेकर चले गए.
नहीं गई भतीजे की बरात गुजरात में रहकर ट्रक चलाने वाल सत्यप्रकाश अपने भ तीजे की बरात में शामिल होने आया था लेकिन शादी से पहले वह दुनिया से चला गया. ऐसे में उसके भतीजे की बरात भी नहीं गई. सत्यप्रकाश के भाई जयप्रकाश ने बताया कि बारात नहीं जा रही है. अगर लड़की की ओर से कोई संदेश आएगा तो लड़की को भेजकर शादी करा दी जाएगी.